अजमेर। राजस्थान के अजमेर में आज शारदीय नवरात्र के मौके पर घटस्थापना की घर घर धूम रही। परिवारों में मां शैलपुत्री की अराधना के साथ नवरात्रों का आगाज हुआ।
अजमेर नगर निगम की ओर से स्थानीय तोपदड़ा मैदान पर महापौर बृजलता हाडा ने विधिवत पूजा अर्चना के साथ मां दुर्गा की सात फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की। मूर्ति को बंगाल के कलाकारों ने गंगा की मिट्टी से तैयार किया। निगम की ओर से शाम को महाआरती एवं गरबा का आयोजन होगा।
इसी तरह राजगढ़ स्थित श्रीमसाणिया भैरव धाम पर सुबह मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने मां काली व बाबा भैरवनाथ की पूर्जा अर्चना कर सभी देवी-देवताओं की साक्षी में पूरे विधि विधान से अखण्ड ज्योति प्रज्जवलित कर घटस्थापना की। यह अखण्ड ज्योति एकम् से प्रारम्भ होकर नवमीं तक चलेगी जिसका समापन दसमीं को होगा। देश-प्रदेश के लाखों श्रद्धालु पूरे नवरात्राओं के दसों दिन राजगढ़ धाम पर आकर बाबा भैरव, मां काली व अखण्ड ज्योति के विशेष दर्शन करते हैं।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि शनिवार 1 अक्टूबर को बाबा भैरव का विशाल छठ मेला पूरे धूमधाम से भरेगा। मेले को लेकर मन्दिर कमेटी व भैरव भक्त मण्डल की और से तैयारियां जोरों पर है। सेन ने बताया कि इस बार धाम पर शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। नवरात्रा छठ के दिन ध्वजारोहण, बाबा की शोभायात्रा और चमत्कारी चिमटी का वितरण आदि कार्यक्रम होंगे।
छठ मेले की विशेषता यह है कि इस दिन मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की मात्र एक परिक्रमा लगाने व विशेष चिमटी प्राप्त कर उसके सेवन से श्रद्धालुओं के सारे रोग कष्ट दूर हो जाते हैं। नवरात्रा महोत्सव के दौरान महिलाओं व पुरूषों के लिए अलग-अलग बेरिकेटिंगों की व्यवस्था की गई है।
नवरात्र के मौके पर घट स्थापना की धूम
इधर, शक्ति को समर्पित नवरात्रि के मौके पर शहर के विभिन्न प्रमुख मंदिरों में शुभ मुहूर्त में घटस्थापना एवं आरती की गई। फाईसागर रोड पहाड़ी पर स्थित चामुंडा माता मंदिर, पुष्कर घाटियों के बीच स्थित नौ मूर्तियों वाले श्री नौसर माता मंदिर, बजरंगगढ़ चौराहे स्थित जय अम्बे माता मंदिर, रामगंज स्थित श्री दुर्गा महाकाली मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहा।
मंदिरों में विशेष रोशनी एवं सजावट की गई। शहर के श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों पर भी मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर शक्ति की आराधना की। शहर में श्रद्धालुओं ने माता की अपनी हैसियत के अनुसार छोटी बड़ी मूर्तियां खरीदकर स्थापित की तथा भक्ति में डूब गए।