अजमेर। अजमेर के कालाबाग क्षेत्र के बाहर स्थित करीब सवा दो सौ साल पुराने प्राचीन शीतला माता मन्दिर पर रात बारह बजे से शीतला सप्तमी का त्यौहार परम्परागत तरीके से मनाना प्रारंभ हुआ।
यह त्यौहार शीतला माता की पूजा एवं ठण्डे पानी की चरी, ठंडे भोजन के भोग लगाने की आस्था के साथ धार्मिक रस्मों के साथ आज और कल मनाया जाएगा।
मंदिर के पुजारी इन्द्रचन्द प्रजापति ने बताया कि मंदिर में माता को पहला भोग लोढ़ा खानदान की महिलाएं लगाती हैं, क्योंकि खानदान के इस पुश्तैनी मन्दिर में परिवार के खानमल लोढ़ा शीतला माता को नागौर जिले के भखरी गांव से अजमेर लाए थे और यहीं माता को विराजित किया था। तभी से लोढ़ा परिवार माता की पूजा अर्चना की परम्परा निभाता चला आ रहा है ।
मेले में अजमेर शहर एवं आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का दो दिनों तक तांता लगा रहता है। श्रद्धालु यहां पहुंच कर मंगल गीतों के साथ परिवार में सुख समृद्धी की कामना करते हैं। मेले के दौरान यातायात पुलिस की ओर से एकतरफा यातायात की व्यवस्था की जाती है।