नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित राजकीय सम्मान के साथ आज पंचतत्व में विलीन हो गईं। राजधानी के निगम बोध घाट पर कांग्रेस के विभिन्न नेताओं की उपस्थिति में राजकीय सम्मान के साथ दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। गृहमंत्री अमित शाह भी उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए निगमबोध घाट पर मौजूद थे।
इससे पहले, दीक्षित का पार्थिव शरीर उनके निजामुद्दीन स्थित आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इक्यासी वर्षीया दीक्षित लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद गम्भीर हालत में अस्पताल लाया गया था, जहां उन्होंने शनिवार को अपराह्न दो बजकर 55 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रविवार सुबह निजामुद्दीन स्थित उनके आवास पर रखा गया था, जहां वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर पहुंचे।
इसके बाद उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस दफ्तर लाया गया, जहां संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी बेटी एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सोनिया गांधी ने कहा कि शीला दीक्षित मेरी बहुत बड़ी सहारा थीं। वह बिल्कुल मेरी बड़ी बहन और दोस्त जैसी बन गई थीं। कांग्रेस के लिए यह बड़ी क्षति है। वह मुझे हमेशा याद आएंगी।