पणजी। प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर गोवा समुद्र के किनारों और पार्टी डेस्टिनेशन के अलावा यहां की संस्कृति और खानपान के लिए भी पूरे विश्व में जाना जाता है। यहां हर साल होने वाले ‘शिग्मो’ फेस्टिवल पर्यटकों को बरबस खींच लाता है।
हिन्दुओं के यह त्योहार शिगमोत्सव पर इस बार भी अपार उत्साह देखा जा रहा है। शिगमोत्सव या शिगमो तटीय राज्य के कई सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है और यह रंग, वेशभूषा, संगीत, नृत्य और परेड के माध्यम से मनाया जाता है।
शिगमो परेड स्थानीय निवासियों द्वारा लोक नृत्य और संगीत प्रदर्शनों के माध्यम से ग्रामीण जीवन की झलक दिखाते हैं। इसके साथ ही अप्रेल के पहले सप्ताह से ‘गोवा खाद्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2016’ भी शुरू होने जा रहा है।
योद्धाओं की घर वापसी का जश्न
पर्यटन विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि गोवा में शिग्मो वसंत के सबसे बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव आक्रमणकारियों से लड़ने के लिए दशहरा के अंत में अपने घरों और परिवारों को छोड़कर जाने वाले योद्धाओं की घर वापसी का जश्न मनाता है।
रंगों की छटा से घिर जाता है शहर
शिग्मो उत्सव के दौरान, पूरे राज्य में परेड के माध्यम से पारंपरिक लोक नृत्य और पौराणिक दृश्यों का चित्रण आकर्षण का प्रमुख केंद्र होता है। विभाग ने बताया कि उत्सव के दौरान लोग रंग-बिरंगी पोशाक पहनते हैं, रंगीन झंडे लहराते हैं और ढोल ताशा, बांसुरी जैसे संगीत वाद्ययंत्र बजाते हैं।
धार्मिक झलक से परिपूर्ण
शिग्मो मे भी परेड निकाली जाती है। इसमे भी लोग नाचते-गाते है और फ्लोट निकालते हैं। इसके अलावा कुछ लोग फैंसी ड्रेस में भी रहते है। शिगमोत्सव की फ्लोट में ज्यादातर धार्मिक झलक मिलती है। परेड के शुरू करने के पहले पूजा की जाती है और फ़िर पटाखे चलाए जाते हैं।और बाकायदा बिगुल सा बजाया जाता है। और परेड की शुरुआत बैंड-बाजे के साथ होती है। इस फेस्टिवल की शुरुआत होली के दिन से होती है इसीलिए इसे होली के त्यौहार के रूप मे भी मनाया जाता है। यानी लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं।