बेंगलूरू। बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज़ शिखर धवन टेस्ट मैच के पहले दिन शतक बनाने वाले पहले भारतीय और ओवरऑल छठे बल्लेबाज बन गए हैं।
शिखर ने यह उपलब्धि अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक एकमात्र टेस्ट के पहले दिन गुरूवार को 107 रन बनाकर हासिल की। शिखर ने अपना शतक 87 गेंदों में 18 चौकों और तीन छक्कों की मदद से पूरा किया। लंच के समय शिखर 104 रन पर नाबाद थे और लंच के बाद वह 107 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने 96 गेंदों की अपनी पारी में 19 चौके और तीन छक्के लगाए।
शिखर से पहले यह उपलब्धि विक्टर ट्रंपर, चार्ली मैककार्टनी, डॉन ब्रैडमैन, माजिद खान और डेविड वार्नर को हासिल थी। इनमें से सिर्फ माजिद खान पाकिस्तान के हैं और बाकी अन्य बल्लेबाज आस्ट्रेलिया के हैं।
इन छह में से तीन मौके द्वितीय विश्वकप युद्ध से पहले आए थे और पिछले 80 वर्षाें में शिखर यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे बल्लेबाज़ बने हैं। लंच से पहले अपने शतक के दौरान शिखर ने भागकर केवल 10 रन लिए जबकि बाकी रन उन्होंने बाउंड्री से जुटाए।
विक्टर ट्रंपर ने 1902 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ लंच से पहले 103 रन, चार्ली ने इंग्लैंड के ही खिलाफ लीड्स 1926 में लंच से पूर्व 112 रन, महान ब्रैडमैन ने लीड्स 1930 में इंग्लैंड के खिलाफ 105 रन, माजिद ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कराची में 1976-77 में 108 रन और वार्नर ने सिडनी में 2016-17 में पाकिस्तान के खिलाफ 100 रन बनाए थे।
इससे पहले टेस्ट के पहले दिन लंच से पूर्व सर्वाधिक स्कोर का भारतीय रिकार्ड वीरेंद्र सहवाग के नाम था जिन्होंने 2006 में ग्रॉस आइलेट में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ 99 रन बनाए थे। इस सूची में सहवाग के तीन प्रदर्शन शीर्ष पांच भारतीय प्रदर्शनों में शामिल हैं। सहवाग लंच से पहले 91 और 87 के स्कोर भी बना चुके हैं जबकि फारूख इंजीनियर ने लंच से पहले 94 रन बनाए थे।
दिल्ली के शिखर के लिए एक सत्र में शतक बनाना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2012-13 में अपने पदार्पण टेस्ट में तीसरे दिन के दूसरे सत्र में 106 रन बनाए थे जबकि गाले में पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने पहले दिन के दूसरे सत्र में 126 रन ठोके थे।
शिखर के लिए यह तीसरा अवसर है जब उन्होंने एक सत्र में शतक बनाया है। एक सत्र में सर्वाधिक शतक बनाने का रिकार्ड ब्रैडमैन के नाम है जिन्होंने छह बार एक सत्र में शतक बनाए। ब्रैडमैन के बाद ट्रंपर, वॉली हेमंड और शिखर का नंबर है जिन्होंने तीन तीन बार यह कारनामा किया है।