महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच चल रही लड़ाई अब संघ (आरएसएस ) के दरबार में पहुंच गई है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को खत लिखा है। किशोर तिवारी ने मामले को सुलझाने के लिए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेजने की मांग की। किशोर ने कहा कि नितिन गडकरी दो घंटे में स्थिति का समाधान कर सकते हैं। मालूम हो कि महाराष्ट्र में 9 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
महाराष्ट्र सरकार गठन को लेकर 12 दिन बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं
आज 5 नवंबर होने के बाद भी राज्य में सरकार बनाने के लिए के लिए स्थितियां जस की तस बनी हुई है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए आज 12 दिन हाे गए हैं। शिवसेना अपनी सहयोगी बीजेपी को तेवर दिखा रही है तो दूसरी ओर एनसीपी के प्रति नरम रुख अख्तियार करती नजर आ रही है। सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस के अंतिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी लेकिन महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई खास प्रगति नहीं दिखाई दी। वहीं देवेंद्र फडणवीस ने भी दिल्ली आकर गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इन दोनों ही दोनों नेताओं की दिल्ली में हुई मुलाकात का कोई खास नतीजा नहीं निकला है। शिवसेना नेता संजय राउत कह रहे हैं कि शिवसेना एनसीपी के संपर्क में हैं। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री एनसीपी प्रमुख शरद पवार हो सकते हैं तो राउत ने उन्हें दिल्ली का नेता बताकर बात काे टाल गए।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शिवसेना के बहुत करीबी माने जाते हैं
केंद्रीय भूतल मंत्री नितिन गडकरी शिवसेना के बहुत करीबी माने जाते हैं। शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे के भी गडकरी खास हुआ करते थे। इससे पहले भी कई बार भाजपा और शिवसेना में हुए मतभेद को मनाने में नितिन गडकरी का ही हाथ रहा है। 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा में हुए चुनाव के दौरान शिवसेना गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत थी। लेकिन बाद में भाजपा केंद्रीय आलाकमान ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया था। इन 5 वर्षों में फडणवीस और उद्धव के रिश्ते में अधिक गर्माहट नहीं आ सकी थी। नितिन गडकरी संघ प्रमुख मोहन भागवत के करीबी है यह जगजाहिर है। आरएसएस का मुख्यालय नागपुर है, नितिन गडकरी भी इसी शहर से आते हैं।
इन लोकसभा चुनावों से पहले नितिन गडकरी को संघ प्रधानमंत्री बनाना चाहता था। हालांकि गडकरी ने इसका बाद में खंडन किया था कि मैं प्रधानमंत्री की दौड़ में नहीं हूं। अब महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना में सरकार बनाने को लेकर मचे घमासान के बीच शिवसेना को एक बार फिर गडकरी में उम्मीद दिखाई दी है। तभी शिवसेना के नेता चाहते हैं कि गडकरी भाजपा और शिवसेना के बीच जारी विवाद को सुलझाएं। अब देखना होगा गडकरी इसमें कितने कामयाब हो पाते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार