जयपुर अपने नेता के चयन को लेकर शिवसेना ने आज एक और सियासी दांव खेला है। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना में चल रहे घमासान के बीच आज शिवसेना विधायक दल की एक बैठक हुई। बैठक से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि विधायक दल के नेता आदित्य ठाकरे चुने जाएंगे लेकिन शिवसेना ने सभी को चौंकाते हुए एकनाथ शिंदे को नेता चुना है।
गौरतलब है कि बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की मुंबई में हुई बैठक में देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना गया था। विधायक दल के नेता के लिए आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा था। पार्टी ने इसके अलावा सुनील प्रभु को विधानसभा में चीफ व्हिप चुना है। विधायक दल की बैठक के बाद शिवसेना के विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने के लिए जाएंगे।
राज्यपाल से मिलने वाले नेताओं में आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे, दिवाकर राउते, सुभाष देसाई और अन्य नए विधायक शामिल हैं। कल भाजपा विधायक दल की बैठक में देवेंद्र फडणवीस को नेता चुने जाने के बाद उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना मिलकर ही सरकार बनाएंगे। दूसरी और शिवसेना के नेता संजय राउत आज भी मुख्यमंत्री पद को लेकर अपने पुराने बयान पर कायम है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में अभी भी बनी हुई है तकरार
विधानसभा चुनाव नतीजे के 7 दिन बाद भी भाजपा और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर तकरार बनी हुई है ।गुरुवार को आयोजित आयोजित हुई बैठक बीच शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद पर सख्ती बरकरार है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि हम अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं, बल्कि हमारे दोस्त भाजपा अपने वादे से मुकर गई है।
आपको बता दें कि आज हो रही विधायक दल की बैठक में शिवसेना भाजपा के साथ चल रही मुख्यमंत्री पद पर खींचतान पर कोई फैसला ले सकती है। पार्टी की ओर से लगातार भाजपा पर 50-50 फॉर्मूले के लिए दबाव बनाया जा रहा था। शिवसेना के नए नेता चुने गए एकनाथ शिंदे को भी पार्टी का नया सियासी दांव समझा जाना चाहिए।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार