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Shivraj in preparation for fifth time in Budhni Assembly seat - बुधनी विधानसभा सीट पर पांचवीं बार कब्जा करने की तैयारी में शिवराज - Sabguru News
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बुधनी विधानसभा सीट पर पांचवीं बार कब्जा करने की तैयारी में शिवराज

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बुधनी विधानसभा सीट पर पांचवीं बार कब्जा करने की तैयारी में शिवराज
Shivraj in preparation for fifth time in Budhni Assembly seat
Shivraj in preparation for fifth time in Budhni Assembly seat
Shivraj in preparation for fifth time in Budhni Assembly seat

सीहोर । मध्यप्रदेश में तेरह वर्षों से अधिक समय से मुख्यमंत्री पद पर काबिज और आम लोगों के बीच मामा के नाम से लोकप्रिय शिवराज सिंह चौहान अपने गृह जिला सिहोर की परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट पर पांचवीं बार कब्जा करने की तैयारी के साथ चुनावी समर में हैं।

बुधनी में चौहान ने आज पार्टी नेताओं की मौजूदगी में नामांकनपत्र दाखिल किया। इस अवसर पर उनकी पत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान और उनके पुत्र कार्तिकेय चौहान भी मौजूद रहे। इसके पहले श्री चौहान ने गृह गांव जैत में नर्मदा नदी के तट पर पहुंचकर विधिवत पूजा की। वे बाद में सकलनपुर में देवी मां के मंदिर में पूजा के बाद बुधनी पहुंचे।

चौहान का विधानसभा क्षेत्र होने के कारण बुधनी पर सभी की निगाहें लगी रहती हैं। इस बार भी इस सीट पर राजनैतिक प्रेक्षक नजरें लगाए हुए हैं, हालाकि कांग्रेस की ओर से आज तक इस सीट के लिए प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है।
चौहान इससे पहले बुधनी सीट से चार बार चुनाव जीत चुके हैं। वह इस सीट से पहली बार वर्ष 1990 में विधायक चुने गये। इसके बाद वर्ष 1991 से 2004 तक वह विदिशा से लोकसभा सांसद रहे। 2005 में श्री बाबूलाल गौर को हटाकर जब उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया, तो उन्होंने बुधनी सीट पर 2006 में हुये उपचुनाव में जीत दर्ज की। इसके बाद 2008 और 2013 के चुनाव में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।

बुधनी विधानसभा सीट को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। वर्ष 1990 से लेकर 2013 तक श्री चौहान ने यहां से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को भारी मतों के अंतर से पटखनी दी है। वे वर्ष 1990 में 22810, वर्ष 2006 के उपचुनाव में 36525, वर्ष 2008 में 41525 और वर्ष 2013 में 84805 मतों के भारी अंतर से विजयी रहे।

चौहान ने वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में बुधनी सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के हरि सिंह को 22810 मतों से पराजित किया। इस दौरान श्री चौहान को जहां 43948 मत मिले, वहीं श्री सिंह को 21138 मतों पर ही संतोष करना पड़ा। इसी तरह 2006 के उपचुनाव में श्री चौहान को 66689 मते मिले, तो कांग्रेस के राजकुमार पटेल को 30164 मतों से संतोष करना पड़ा। श्री चौहान 36525 मतों से विजयी रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान 2008 के विधानसभा चुनाव में भी बुधनी से चुनावी रण में आए और उन्हें 75828 मत मिले, वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार महेश सिंह राजपूत ने 34303 वोट हासिल किए। इस सीट पर जीत-हार का अंतर 41 हजार 525 मतों का रहा।

चौहान के खिलाफ 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने डॉ महेन्द्र सिंह चौहान को मैदान में उतारा था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी डाॅ चौहान को 84805 हजार मतों के भारी अंतर से पराजित कर दिया। श्री चौहान को एक लाख 28 हजार 730 मत, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के डॉ चौहान को 43 हजार 925 वोट मिले थे। इस सीट पर करीब 2200 मतदाताओं ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) का इस्तेमाल किया।

चौहान के विदिशा से जीतकर लोकसभा पहुंचने के बाद भी बुधनी सीट पर भाजपा का ही कब्जा रहा। वर्ष 2003 में भाजपा ने यहां राजेन्द्र सिंह को मैदान में उतारा था। उस चुनाव में श्री सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राजकुमार पटेल को दस हजार से अधिक मतों से हराया था। भाजपा प्रत्याशी को जहां 58052 मत मिले थे वहीं कांग्रेस उम्मीदवार को 47 हजार 616 मतों पर संतोष करना पड़ा था। तीसरे नंबर पर रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की उम्मीदवार श्रीमती ममता को करीब 8700 मत मिले थे। बुधनी सीट पर भी सभी 230 सीटों के साथ 28 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 11 दिसंबर को सामने आएंगे।