बेंगलरु । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकसभा सांसद शाेभा करांदलजे ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के बेल्लारी जिले में जिंदल समूह को हजारों एकड़ जमीन दिए जाने के मामले में जनता दल(सेक्युलर) और कांग्रेस गठबंधन सरकार के दो खास मंत्रियों को काफी मोटी धनराशि मिली है तथा राज्य सरकार को स्टील कंपनी को जमीन बेचे जाने के अपने फैसले को वापिस लेना चाहिए।
भाजपा नेता ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि जिंदल समूह को भूमि आवंटन मामले में जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार तथा उद्योग मंत्री के जे जार्ज का पूरा हाथ है। उन्होंने जार्ज के दावे को गलत ठहराया कि राज्य सरकार पर जिंदल समूह की कोई देनदारी नहीं है। उन्होंने कहा, “राज्य के स्वामित्व वाली मैसूर मिनरल्स के जिंदल समूह पर दो हजार करोड़ रुपए बकाया है।”
उन्होंने कहा कि जिंदल स्टील ने 2006 के लीज और ब्रिकी संबंधी समझौते का उल्लंघन किया है और कंपनी ने सी तथा डी समूह रोजगार के लिए स्थानीय युवकों की नियुक्ति भी नहीं की है तथा मैसूर मिनरल्स लिमिटेड को एक उससे काफी बकाया रायल्टी वसूलनी है। भाजपा नेता ने कहा कि जिंदल स्टील को जो जमीन अवैध तरीके से बेची गयी है वहां पर लौह अयस्क के काफी भंडार हैं और एक बार जमीन ब्रिकी समझौता पूरा हो जाए तो राज्य सरकार इससे अपना नियंत्रण खो देगी।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार ने अवैध तरीके से दो टीएमसी पानी जिंदल स्टील को अवैध तरीके से आवंटित किया है और पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। भाजपा नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारामैया पर तंज कसते हुए उनसे जिंदल समूह को जमीन आवंटन पर प्रतिक्रिया करने को कहा है। उन्होंने कहा,“ अवैध खनन के मामले में उन्होंने बेल्लारी तक एक पदयात्रा की थी लेकिन अब वह इस मामले में चुप हैं।”