Shortage of teachers a matter of concern : Rajasthan governor Kalyan Singh
कोटा। राजस्थान राज्यपाल कल्याण सिंह ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी और शिक्षकों की भर्ती में देरी पर चिंता जताते हुए कहा हैै कि शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
सिंह बुधवार को कोटा में कोटा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानक के अनुसार पद स्वीकृत नही है। किसी विश्ववि़द्यालय में पद स्वीकृत हैं, तो वहां पदों को भरे जाने के आदेशों की प्रतीक्षा में लम्बा समय निकल रहा है। जहां पदों की भर्ती के आदेश हो गए है, वहां शिकायतों तथा कतिपय मामलों में स्थगन आदेश की वजह से भर्तिया पूरी नहीं हो पा रही हैं।
उन्होंने शिक्षकों की कमी को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था विश्वविद्यालयों द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि विकल्प, विकल्प ही होता है वह मौलिकता की भरपाई नही कर सकता। सिंह ने कहा कि आज ही समाचार छपा है कि कोटा यूनिवर्सिटी टॉप 200 की सूची से बाहर हो गई है।
उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि शिक्षकों की कमी को दूर करने में पूरी ईमानदारी, निष्पक्षता और पारदर्शिता से कार्य करें। भर्ती की समय सारणी तैयार कर उसका कठोरता से अनुपालन करें। मेरिट से किसी भी प्रकार का कोई भी समझौता किसी भी स्थिति में न हो। कुल मिलाकर ऎसी व्यवस्था पर सबको मिलकर सोचना होगा जो छात्रहित एवं देशहित में हो।
सिंह ने कहा कि स्वर्ण पदक एवं पीएचडी की डिग्री तथा श्रेष्ठ अकादमिक प्रदर्शन करने वाली छात्राओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विभिन्न पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाली छात्राएं तुलनात्मक दृष्टि से छात्रों की संख्या से अधिक है। छात्राओं को परिश्रम और अध्ययनशीलता के लिए हार्दिक बधाई देते हुए राज्यपाल ने छात्रों से अपेक्षा की कि वे छात्राओं से प्रेरणा प्राप्त करके आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् युवा नौकरी की तलाश में रहते हैं। श्री सिंह ने कहा कि नौकरियों की संख्या उतनी नहीं हो सकती है, जो सबको रोजगार दे सके। अपने कौशल से स्वयं का कारोबार शुरू कर अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करने की स्थिति में शिक्षित युवाओं को आगे आना होगा। सरकारी योजनाओं के माध्यम से भी युवा नये कारोबार आरम्भ कर सकते हैं। उन्होंने समारोह में छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक और उपाधियां प्रदान की।