अजमेर। समीपवर्ती श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर अधिक मास के चलते रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। आलम यह था कि श्रद्धालुओं की संख्या 20000 के आंकडे को भी पार कर गई।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि धाम पर श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार दोपहर से ही प्रारम्भ हो गया था। रविवार को चम्पालाल महाराज के सान्निध्य में धाम पर लगभग तीन हजार से अधिक श्रद्धालुओं को स्वैच्छिक नशा मुक्ति का संकल्प दिलवाया गया। पुरूषों के साथ महिलाओं ने भी नशा नहीं करने की प्रतिज्ञा कर नशे की वस्तुओं को महाराज के श्री चरणों में छोडा।
धाम पर आए हुए श्रद्धालुओं के लिए़ श्री मसाणिया भैरवधाम राजगढ चैरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से शनिवार शाम को निःशुल्क भोजन व रात में निःशुल्क चाय की व्यवस्था की गई। नशा मुक्त समाज को बढ़ावा देने के लिए राजगढ़ धाम पर पिछले कई दशकों से नशामुक्ति महाअभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत श्रद्धालुओं को नशा मुक्त करने हेतु प्रेरित किया जाता है व उनसे संकल्प दिलाया जाता है।
नशामुक्ति महाअभियान राजगढ़ भैरव धाम की पहचान बन चुका है। रविवार को धाम पर डॉ एमजी अग्रवाल, डॉ चरण सिंह, डॉ बालमुकुन्द जेथवाल, डॉ रश्मि सिन्हा आदि ने पहुंच कर बाबा भैरव मां कालिका के दर्शन कर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की साथ ही चम्पालाल महाराज से आशीर्वाद लिया।
मंदिर कमेटी की और से सभी चिकित्सकों का स्वागत सत्कार किया गया। धाम पर हजारों की भीड़ के चलते श्रद्धालुओं को अपनी बारी के लिए काफी इन्तजार करना पड़ा जिसके बाद सभी ने बाबा भैरव, मां कालिका के दर्शन किए। सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ कर परिक्रमा कर चमत्कारी चिमटी प्राप्त की। मुख्य स्थान चक्की वाले बाबा के मंदिर पर राजा रानी कल्पवृक्ष के भी परिक्रमा की।
ऑनलाईन पढाई जाएगी सिंधी भाषा
अजमेर स्थित सिंधी समाज महासमिति के प्रकल्प सिंध इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान की ओर से अगले हफ्ते से सिंधी भाषा आनलाईन पढ़ाई जाएगी। दुनियां के किसी भी हिस्से में रहकर सिंधी सिखी जा सकेगी।
अजमेर में संस्थान अध्यक्ष कंवलप्रकाश किशनानी ने बताया कि अचो त सिन्धी सिखूं (आओ तो सिन्धी सिखें) के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म के फेसबुक तथा यूट्यूब के जरिये सिंधी भाषा का ज्ञान हासिल किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए आवेदन गूगल फार्म में उपलब्ध कराए जाएंगे। अभ्यर्थी उसे भरकर अपना पंजीयन करा सकेंगे। आनलाईन पढ़ाई का समय दोपहर 3 से 4 बजे का रहेगा।