अजमेर। समीनवर्ती सर्वधर्म धार्मिक स्थल श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले के साथ पवित्र श्रावण मास एवं तेज गर्मी व उमस के बीच श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि धाम पर चलाए जा रहे नशा मुक्त अभियान का उद्देश्य न सिर्फ जनसाधारण को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागृत करना है बल्कि नशे के खिलाफ जनआन्दोलन का रूप देना है ताकि इस नशामुक्ति महाअभियान में हर आदमी जुड़कर अपना योगदान दे सके।
उन्होंने कहा कि देश में राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम की पहचान नशा मुक्ति भैरव धाम के रूप में हो चुकी है। श्रद्धालुओं में यह धारणा बन रही है कि धाम पर आने के पश्चात बाबा भैरव व मां कालिका के आशीर्वाद से स्वतः ही नशा त्यागने की भावना जागृत हो जाती है जिससे श्रद्धालु नशा मुक्ति अभियान का हिस्सा बन जाता है।
पिछले कई वर्षों से नशा मुक्ति महाअभियान अनवरत जारी है जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने स्वैच्छा से सभी प्रकार के नशे का त्याग कर चुके हैं। राजगढ धाम से मिलने वाली चमत्कारी चिमटी का सेवन करने के पश्चात् नशे की प्रवृत्ति त्यागने का मन स्वतः ही बन जाता है।
धाम पर पहुंचे लगभग 35000 श्रद्धालुओं में से लगभग 2500 श्रद्धालुओं ने अपने दोनों हाथ उठाकर जीवन में दोबारा नशा नहीं करने का संकल्प लिया जिसमें पुरूषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक रही। नशा त्यागने वाले पुरूषों व महिलाओं ने नशे करने वाली वस्तुओ को बाबा के श्री चरणों में छोड़ा।
धाम आए हुए श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव व मां कालिका के दर्शन कर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ कर चमत्कारी चिमटी प्राप्त की। धाम के कार्यकर्ताओं व नसीराबाद सदर थाना अधिकारी के साथ आए जाप्ते भीड को नियंत्रित कर व्यवस्था को संभाला।