नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता एवं श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन को राजनीतिक ऊंचाई देने वाले पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि श्रीराम का यह मंदिर देश में रामराज्य की बुनियाद रखेगा जहां सबके साथ न्याय होगा और कोई बहिष्कृत नहीं होगा।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण आरंभ होने की पूर्व संध्या पर 1980 के दशक में देश की राजनीति को नयी दिशा देने वाले श्री आडवाणी ने बहुत भावुक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन के कुछ सपने पूरा होने में बहुत समय लेते हैं लेकिन जब वो चरितार्थ होते हैं तो लगता है कि प्रतीक्षा सार्थक हुई। ऐसा ही एक सपना जो मेरे हृदय के समीप है, अब पूरा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीराम मंदिर का भूमिपूजन हो रहा है। निश्चित ही केवल मेरे लिए ही नहीं, बल्कि समस्त भारतीय समुदाय के लिए ये क्षण ऐतिहासिक हैं और भावपूर्ण भी।
आडवाणी ने कहा कि श्री राम जन्म भूमि पर श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी का एक स्वप्न रहा है और मिशन भी। मैं विनम्रता का अनुभव करता हूं कि नियति ने मुझे 1990 में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान सोमनाथ से अयोध्या तक रामरथ यात्रा का दायित्व प्रदान किया और इस यात्रा ने असंख्य लोगों की आकांक्षा ऊर्जा एवं अभिलाषा को प्रेरित किया। इस शुभ अवसर पर मैं उन सभी संतों नेताओं और देश विदेश के जनमानस के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने राम जन्म भूमि आंदोलन में मूल्यवान योगदान और बलिदान दिया।
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि नवंबर 2019 में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्णय के स्वरूप श्रीराम मंदिर का निर्माण बहुत शांतिपूर्ण वातावरण में प्रारंभ हो रहा है। यह भारतीयों के परस्पर संबंधों को मजबूत करने में बहुत सहायक होगा। श्रीराम का स्थान भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धरोहर में सर्वोच्च है और वे विनीत, मर्यादा और शिष्टाचार के मूर्तरूप हैं। मेरा मानना है कि श्रीराम का यह मंदिर हम सब भारतीयों को श्रीराम के इन गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा देगा।
आडवाणी ने कहा कि मुझे यह भी विश्वास है कि श्रीराम मंदिर एक शांतिपूर्ण और सौहार्द पूर्ण राष्ट्र के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा जहां सबके लिए न्याय होगा और कोई भी बहिष्कृत नहीं होगा ताकि हम रामराज्य की ओर अग्रसर हों जो सुशासन का प्रतिमान है।
आडवाणी कोरोना महामारी के कारण अयोध्या में होने वाले भूमिपूजन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के अन्य नेतृत्वकर्ता डॉ मुरलीमनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह भी शामिल नहीं होंगे। महंत रामचंद्र परमहंस, अशोक सिंहल, गिरिराज किशोर, महंत अवैद्यनाथ का निधन हो चुका है।