पुष्कर। कलिकाल में भगवान के नाम का स्मरण करने मात्र से उनकी प्राप्ति हो जाती है। मनुष्य को अपने जीवन के उद्धार के लिए हर समय ठाकुर जी के नाम का स्मरण करते रहना चाहिए। यह बात कथावाचक पंडित गौरव व्यास ने शुक्रवार को खण्डेलवाल धर्मशाला में चल रही 7 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भागवत कोई अनुष्ठान का विषय नहीं हैं। कलयुग में तो नाम का स्मरण मनुष्य को करते ही रहना चाहिए। जहां भी कथा का स्मरण हो, भगवत नाम का स्मरण हो रहा हो वहां अवश्य जाना चाहिए। भगवत कथा में डुबकी अवश्य लगानी चाहिए। भागवत कथा अभ्यास का विषय है। आप जितना अभ्यास करगे उतना ही आनन्द आपको कथा में आता रहेगा।
कथा समिति के संरक्षक एवं पूर्व पालिकाध्यक्ष जनार्दन शर्मा ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन स्वर्गीय केसरदेवी पत्नी केदारदत्त शर्मा की स्मृति में कराईं जा रही हैं। कथा के मार्गदर्शक हरिइच्छा पाराशर ने बताया यह कथा एक नवंबर तक एक बजे से शाम पांच बजे तक होगी।
आज कथा के पावन प्रसंग पर लक्ष्मी वेंकटेश मंदिर बूढ़ा पुष्कर के महंत स्वामी जनार्दनाचार्य, नगरपालिका चेयरमैन कमल पाठक, उपाध्यक्ष शिवस्वरूप महर्षि, सेवानिवृत्त आईएएस भंवरसिंह चारण, सेवानिवृत्त आईजी कल्याण मल शर्मा, खण्डेलवाल धर्मशाला के अध्यक्ष सुभाष खण्डेलवाल, समिति के प्रचार मंत्री बालकिशन खण्डेलवाल आदि ने भागवत आरती की तथा व्यास पीठ का माल्यार्पण किया।
व्यास जी ने धर्मावत परिवार की ओर से भी सभी आगन्तुकों का स्वागत किया।कथावाचक ने भगवान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा मनुष्य को अपने जीवन कुछ प्राप्ति करनी, जीतना है तो सबसे पहले आसान जीतो यानि आप एक स्थान पर बैठना सीखें, उसके पश्चात श्वासों को जीतना सिखिये, अंत में अपनी जितेन्द्रियों पर विजय प्राप्त कीजिए। भगवत प्राप्ति का मार्ग बहुत ही सरल है।