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रुक्मणी विवाह प्रसंग : प्रेम व भक्ति की सुन्दर व्याख्या - Sabguru News
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रुक्मणी विवाह प्रसंग : प्रेम व भक्ति की सुन्दर व्याख्या

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रुक्मणी विवाह प्रसंग : प्रेम व भक्ति की सुन्दर व्याख्या

पुष्कर। तीथराज पुष्कर की खंडेलवाल धर्मशाला में हरिप्रसाद शर्मा परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन पंडित गौरव व्यास ने सूरदास एवं तुलसीदास जी के भक्ति प्रसंगों का वृतांत सुनाया।

उन्होंने श्री कृष्ण की गोवर्धन पूजा, कालिय नागदहन, चीरहरण, रास लीला आदि बाल लीलाओं की कवितामय व्याख्या करते हुए कंस-वध, रुक्मणी विवाह के दर्शन एवं रुक्मणी विवाह के दर्शन एवं रूक्मणी के प्रेम पत्र की ह्रदय स्पर्शी व्याख्या की।

कथा में जनाना अस्पताल की पूर्व अधीक्षक स्नेहलता मिश्रा, राजकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा एमएल अग्रवाल, शिक्षाविद अम्बाला, गुलाब व्यापारी पूनम अजमेरा आदि ने व्यास पीठ का माल्यार्पण कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर सैन भक्ति पीठ के पीठाधीश्वर अंचलानन्दाचार्य ने भी व्यास पीठ का अभिनन्दन कर प्रणाम किया।

सैनाचार्य ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्तिक मास में भागवत कथा का श्रवण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने इस बात को कहते हुए ज़ोर दिया जो पितरों की स्मृति कथा कराते व माता पिता की सेवा करते हैं उन्हें किसी प्रकार का दोष नहीं लगता है। कथा में ज्योतिर्विद पं कैलाशनाथ दाधीच, लक्ष्मी नारायण पाराशर, सहित बह्मा गायत्री वेद विद्या पीठ के छात्रों ने कथा में स्वस्तिवाचन पाठ किया।