अजमेर। एक दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा महात्यम का आयोजन मंगलवार को पत्रकार कॉलोनी कोटडा पुष्कर रोड स्थित में ओंकारेश्वर महादेव मंदिर परिसर में किया गया।
श्रीचारभुजा बडा मंदिर भिलावट परबतसर के श्रीश्री 108 महंत कैलाश शरण महाराज ने उपस्थित धर्मप्रेमियों के बीच भागवत कथा का सारगर्भित रूप में कथावाचन किया। उन्होंने कहा कि सत्संग और गुरु भवगन्तों के शरणागत होने से भक्ति का रास्ता मिलता है जो अंतत: प्रभु मिलन और प्रभु प्रिय बनने का मार्ग है।
उन्होंने भक्ति को पौधे की संज्ञा देते हुए कहा कि जिस तरह माली छोटे पौधे की सार संभाल करता है उसी तरह गुरु भी अपने शिष्य पर कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं। जब पौधा वृक्ष का रूप ले लेता है तो उसे अधिक सुरक्षा और दूसरे के सहारे की जरूरत नहीं होती।
ठीक इसी तरह भक्ति मार्ग भी है, शुरू में ईश्वर भक्ति में मन रमना कठिन होता है पर संत महात्माओं की कृपा से देखते ही देखते शिष्य इतना परिपक्व हो जाता है कि स्वयं ही प्रभु भक्ति में लीन हो जाता है। उसे कहने की भी जरूरत नहीं होती प्रभु का स्मरण कर लें। इसलिए जब भी मौका मिले सत्संग और कथा श्रवण का अवसर न गंवाएं। धीरे धीरे मन, कर्म में परिवर्तन आने लगेगा।
कथा के अंत में महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पत्रकार बसंत भट्ट, फोटो जर्नलिस्ट सत्यनाराण जाला, अमरसिंह राठौड, रास बिहारी अग्रवाल, अशोक कुमार शर्मा, दिनेश जांगिड, राजेन्द्र जादम, समुन्दर सिंह राठौड, कमल जैन, राजेन्द्र शर्मा, विजय मौर्य, समेत बडी संख्या में धर्मप्रेमी और कॉलोनीवासी उपस्थित रहे।