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श्याम तुझसे मिलने का सत्संग ही बहाना है.... - Sabguru News
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श्याम तुझसे मिलने का सत्संग ही बहाना है….

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श्याम तुझसे मिलने का सत्संग ही बहाना है….

https://www.youtube.com/watch?v=cT5gj3PErCM&feature=youtu.be

अजमेर। सत्य सबसे बड़ा धर्म है और असत्य सबसे बड़ा अधर्म। जीवन में सदैव सत्य का प्रतिपादन करना चाहिए। यह ईश्वर को प्राप्त करने का सबसे आसान जरिया है। श्रीमद् भागवत में सत्य को महत्ता दी गई है। यह बात गढ़वाल पैलेस में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन मंगलवार को मेड़ता देवल के रामस्नेही युवा संत रमणराम महाराज ने कथा वाचन के दौरान कही।

उन्होंने सुखदेव जन्म का वर्णन और नरसिंह अवतार की पौराणिक कथा के संदर्भ की व्याख्या करते हुए कहा कि भागवत कथा सुनने का संकल्प करना भी पुण्य के समान है, सुनने का मौका मिलना तो श्रेष्ठ उपलब्धि के समान है।

भागवत कथा का श्रवण करना भी सहज नहीं होता। यह धर्म का मार्ग है, जीव इस मार्ग पर आगे बढता है तो उसे पाप रोकते हैं। मंदिर या भगवान के दर्शन को निकलते हैं तो हमारे किए पाप बाधा बनकर खुदके चंगल में फांसे रखने में जुट जाते हैं।

उन्होंने कहा कि एक सवाल बार-बार पूछा जाता है की भागवत कथा का आरंभ कब और कहां से हुआ, भागवत कितनी बार सुननी चाहिए। इन सवालों का बहुत ही सरल है जवाब है कि जितनी बार मौका मिले उतनी बार भागवत श्रवण का अवसर नहीं गंवाना चाहिए।

कथा के दौरान महाराज ने मानव का परम धर्म क्या है? क्या मंदिरों में परिक्रमा करने या संपत्ति दान करने देने से धर्म लाभ मिलता है? श्रेष्ठ देवता कौन से हैं? वेदों में परमात्मा को अजन्मा बताया गया है फिर बार-बार भगवान अवतार क्यों लेते हैं? भगवान के अवतार कितने हैं? जैसे सवालों के जवाब भागवत कथा के दौरा प्रसंग के जरिए बताए।

उन्होंने कहा कि जो हमें ज्ञान प्राप्ति करा दे उसे नारद कहा जाता है। ये ऐसा ज्ञान देते हैं की जन्म जन्म की कथा ही मिट जाती है। लोक और परलोक में नारद से प्राप्त ज्ञान नैया के जरिए अनेकानेक देव दानवों को प्रभु चरणों में स्थान मिला। उन्होेंने कहा कि सत्संग भी ज्ञान प्राप्ति का सहज मार्ग है। उन्होंने भजन श्याम तुझसे मिलने का सत्संग ही बहाना है के जरिए भगवान की महिमा का बखान किया। उन्होंने यह भी कहा कि हम भले ही समस्त देवी देवताओं नमन करें लेकिन गुरु और निष्ठा जीवन में किसी एक के प्रति ही होनी चाहिए।

कथा आयोजन में बडी संख्या में धर्मप्रेमियों, माताओं की भीड उमड रही है। आयोजन समिति के दिलीप गढवाल, राजू सिंगोदिया, ईश्वर सोनगरा, राजेश गढवाल, ललित दुबे, चमन हलवाई, जीतू चौहान, दीपू जैन, मोहित गढवाल व्यवस्था संभाल रहे हैं।