मुंबई। अग्रणी लघु व्यवसाय फाइनेंसर श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड (श्रीराम सिटी) ने चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष 2019 के लिए अपने परिणाम घोषित कर दिए हैं। प्रबंधन के तहत संपत्ति कर 29582 करोड़ रुपए हो गई। तीसरी तिमाही की तुलना में डिस्बर्समेंट वृद्धि 44 प्रतिशत रही। पिछले साल की तुलना में क्रेडिट लागत में 66 प्रतिशत की कमी आई है।
स्टैंडअलोन नेट प्रोफिट 989 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक था। सब्सिडियरी श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने अपने खुदरा डिस्बर्समेंट को आठ चैथाई से अधिक बढा दिया।
श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड के एमडी और सीईओ आर दुरुवासन ने नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट करते हुए मुझे खुशी है कि तीसरी तिमाही में एनबीएफसी उद्योग का अनुभव होने के बाद, कंपनी अपने सामान्य डिस्बर्समेंट स्तरों में वापस आने में सक्षम थी, और नए वित्तीय वर्ष के लिए यह बेहतर तरीके से आगे बढाया।
संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार जारी है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी इस तिमाही में पर्याप्त लंबी अवधि के बैंक फंडों को उत्पन्न करने में सक्षम थी और इसके साथ-साथ हमारे जमाकर्ताओं और मुद्रा बाजार से हमें पूरा सहयोग मिल रहा है, जिसके आधार पर हम वित्त वर्ष 2020 में हमारे विकास के उद्देशय को प्राप्त करने में कामयाब रहेंगे।
श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड के बारे में
तीन दशकों से ज्यादा पुरानी कंपनी श्रीराम सिटी खुदरा वित्तपोषण क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों में से एक है। कंपनी छोटे व्यवसायों के मालिकों को कई ऋण उत्पाद प्रदान करती है और दो पहिया वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों, यात्री वाहनों और घरों केे लिए भी ऋण उपलब्ध कराती है। यह सोने के गहनों और व्यक्तिगत खपत केे लिए भी ऋण प्रदान करती है। जमाएं स्वीकार करने वाली एनबीएफसी श्रीराम सिटी 1 लाख करोड़ रुपए वाले चेन्नई स्थित श्रीराम समूह का एक हिस्सा है।