चंडीगढ़ । केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज पंजाबी युवकों से अपील की कि वह पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) प्रायोजित सिक्ख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के झांसे में न आएं जो उन्हें तथाकथित “लंदन डिक्लेयेरेशन“ कार्यक्रम में ले जाने के लिए नि:शुल्क यात्रा का प्रलोभन दे रहा है और जिसका उद्देश्य पंजाब को भारत से अलग करना है।
श्रीमती बादल ने इसीके साथ केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि एसएफजे के कार्यक्रम में लंदन जा रहे युवकों को रोकने के लिए समुचित कदम उठाए जाएं। यहां जारी बयान में श्रीमती बादन ने कहा, “ऐसा लगता है कि भोलेभाले युवकों को एसएफजे मुहिम के जरिये गुमराह किया जा रहा है और वह संस्था के पाकिस्तान की आईएसआई से संबंधों से अंजान हैं जो इसे एक गुप्त मिशन ऑपरेशन एक्सप्रेस के तहत फंडिंग मुहैया करा रही है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें भारत विरोधी कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोका जाये।“
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता ने कहा कि इसके प्रमाण हैं कि एसएफजे युवाओं को जो प्रलोभन दे रही है वह कराची में आईएसआई की तरफ से प्रबंधित वेबसाईज के जरिये दिये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एसएफजे युवओं को इंटरनेट पर लंदन के नि:शुल्क टिकट और यूनाईटेड किंग्डम में रहने की व्यवस्था के प्रलोभन दे रहा है। बादल ने केंद्रीय एजेंसियों से एसएफजे की इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रखने की भी अपील की और कहा कि हालिया खुलासों ने इसकी वेबसाईट और जनमत संग्रह 2020 की वेबसाईट के पाकिस्तान की वेबसाईट से संबंध उजागर किये थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलन के नेताओं जैसे गुरपतवंत पन्नू की वेबसाईट भी पाकिस्तानी वेबसाईट से जुड़ी हुई है।
बादल ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे खुलासे हुए हैं कि जो लोग जनमत संग्रह 2020 को फंडिंग कर रहे हैं वही पंजाब में कांग्रेस सरकार समर्थित जत्थेदारों को भी फंडिंग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ‘जत्थेदार‘ कांग्रेस ने सिक्ख समुदाय को बांटने के लिए खड़े किये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह इतना गंभीर मुद्दा है कि पंजाब इंटेलीजेंस विंग ने एडवाइजरी जारी की है कि फरीदकोट के बरगरी में कभी भी स्थिति बिगड़ सकता है जहां कि यह तत्व पैसे को लेकर जत्थेदारों की अंदरूनी लड़ाई को लेकर धरना दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब पुलिस जर्मनी और अन्य देशों से पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के प्रति चिंता जता रही है लेकिन ‘सरकारी‘ जत्थेदाराें का समर्थन कर रही है जबकि पंजाब सरकार निष्पक्ष जांच का आदेश देने में विफल रही है। उन्होंने इन जत्थेदारों को विदेशों से हो रही फंडिंग की जांच तथा एसएफजे के पंजाब में तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।