जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा कि बेहतर कोरोना प्रबंधन के नाम पर झूठी वाह-वाही लूटने वाली राज्य की गहलोत सरकार के कुशासन में पूरा प्रदेश कोरोना से जूझ रहा था लेकिन अपेक्स सहकारी बैंक ने ओहदेदारी लोगों को जिसमें सात कलेक्टर भी शामिल हैं, पाव-पाव किलो चांदी उनको बतौर इनाम में देने का मामला सामने आया है।
डाॅ. पूनियां ने आज यहां एक बयान में कहा कि आश्चर्य है कि ना मंत्री को पता, ना प्रशासक को पता और एमडी कहते हैं कि हमारी इस तरीके की परम्परा रही है, बेशक परम्परा रही होगी, लेकिन यह समय नहीं था और यदि यह पारिश्रमिक कोरोना के रोगियों के लिए राहत के तौर पर दी जाती तो बहुत अच्छा होता।
उन्होंने कहा कि राज्य में कृषक ऋणमाफी को आंकड़ों के मकड़जाल में इतना उलझा दिया कि किसान ठीक तरीके से सरकार की गणित को समझ नहीं पा रहे। कांग्रेस सरकार ने बहुत बड़े वादे सम्पूर्ण कर्जामाफी के किए थे, लेकिन सहकारी बैंकों के जरिए किसानों को जो ऋण दिया जाता था, पूववर्ती भाजपा सरकार ने भी इसी तर्ज पर 30 लाख किसानों को लगभग आठ हजार करोड़ का कर्जा माफ किया था।
डा. पूनियां ने कहा कि गहलोत सरकार भी यह दावा कर रही है कि उन्होंने सात हजार करोड़ का कर्जा माफ किया, लेकिन जो डिफाॅल्टर सूची के किसान हैं वो आज भी इनकी नजर में डिफाॅल्टर हैं, इस वजह से किसानों को ऋण के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।