मुंबई। मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) में सिल्वर लेक की सह-निवेशक 1,875 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जो तीन सप्ताह के भीतर आरआरवीएल में चौथा निवेश है।
इसे मिलाकर रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड(आरआरवीएल) में सिल्वर लेक और इसके सह-निवेशक का कुल निवेश 9,375 करोड़ रुपए और कंपनी की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 2.13 प्रतिशत हो जाएगी।
सिल्वर लेक के सह निवेशक का निवेश आरआरवीएल की प्री इक्विटी 4.285 लाख करोड़ रुपए पर हुआ है। यह सिल्वर लेक के आरआरवीएल में निवेश के लिए किए गए 4.21 लाख करोड़ रुपए के मूल्यांकन से 7,000 करोड़ रुपए अधिक हैः
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की तरफ से बुधवार देर रात की गई घोषणा में कहा गया कि तीन सप्ताह के दौरान रिलायंस रिटेल में यह चौथा निवेश प्रस्ताव है।
रिलायंस रिटेल में बुधवार को ही दिन में जनरल अटलांटिक ने 3,675 करोड़ रुपए निवेश का ऐलान किया था। यह निवेश रिलायंस रिटेल में 0.84 प्रतिशत इक्विटी के लिए किया गया है।
इससे पहले सिल्वर लेक और केकेआर रिलायंस रिटेल में निवेश का ऐलान कर चुके हैं। केकेआर ने 23 सितंबर को 1.28 प्रतिशत इक्विटी के लिए 5,550 करोड़ रूपए निवेश करने का ऐलान किया था।
नौ सितंबर को सिल्वर लेक ने आरआरवीएल में पहले निवेशक के तौर पर 1.75 प्रतिशत इक्विटी के लिये साढ़े सात हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है।
एशिया के सबसे अमीर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने सिल्वर लेक के सह निवेशक के आरआरवीएल में निवेश पर कहा, “सभी भारतीयों को लाभ पहुंचाने वाले भारतीय खुदरा क्षेत्र के लिए सिल्वर लेक और इसके सह-निवेशक मूल्यवान साझीदार हैं।
हमें उनका विश्वास और साथ मिलने पर प्रसन्नता है। हमें वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेश और खुदरा क्रांति में उनकी महारथ का लाभ मिलेगा। सिल्वर लेक का यह अतिरिक्त निवेश भारतीय रिटेल क्षेत्र में संभावना और रिलायंस रिटेल की क्षमता को दर्शाता है।”
सिल्वर लेक के सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी इगॉन डर्बन ने कहा कि हमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और अपने सह-निवेशकों को इस जबरदस्त मौके के लिए साथ लाने पर प्रसन्नता है। बीते कुछ सप्ताह में लगातार आ रहे निवेश से साफ होता है कि रिलायंस रिटेल की दूरदृष्टि और कारोबार मॉडल क्या है। यह कंपनी अपनी नई एवं परिवर्तनकारी वाणिज्यिक पहल के तहत जबरदस्त क्षमता को रेखांकित करती है।
रिलायंस रिटेल में चार निवेश के जरिये 5.16 प्रतिशत इक्विटी के लिए कुल 18 हजार 600 करोड़ रुपये का निवेश आ चुका है। मुकेश अंबानी की आरआरवीएल ने हाल ही में देश के खुदरा कारोबार में तीन दशक से अधिक समय तक जमीं फ्यूचर समूह का 24713 करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया था।
रिलायंस रिटेल लिमिटेड के देश भर मे फैले 12 हजार से ज्यादा स्टोर्स में सालाना करीब 64 करोड़ खरीददार आते हैं। यह भारत का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से विकसित होने वाला रिटेल बिजनेस है। रिलायंस रिटेल के पास देश के सबसे लाभदायक रिटेल बिजनेस तमगा भी है।
कंपनी खुदरा वैश्विक और घरेलू कंपनियों, छोटे उद्योगों, खुदरा व्यापारियों और किसानों का एक ऐसा तंत्र विकसित करना चाहती है, जिससे उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर सेवा प्रदान की जा सके और लाखों रोजगार पैदा किए जा सकें।
रिलायंस रिटेल ने अपनी नई वाणिज्य रणनीति के तहत छोटे और असंगठित व्यापारियों का डिजिटलीकरण शुरू किया है। कंपनी का लक्ष्य दो करोड़ व्यापारियों को इस नेटवर्क से जोड़ना है। यह नेटवर्क व्यापारियों को बेहतर टेक्नॉलोजी के साथ ग्राहकों को बेहतर मूल्य पर सेवाएं देने में सक्षम बनाए।
उल्लेखनीय है कि आरआईएल की ही अनुषंगी जियो प्लेटफॉर्म्स में चौदह निवेश प्रस्तावों से एक लाख 53 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश पिछले कुछ माह में आया था।