अजमेर। संस्कृति का आधार संस्कार है, अपने साहित्य की रक्षा करना गौरवपूर्ण कार्य है। उक्त विचार सांई ओमलाल शास्त्री व महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने भारतीय सिन्धु सभा की ओर से देहली गेट स्थित प्रेम प्रकाश आश्रम में सांतवें सिन्धी बाल संस्कार शिविर के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए।
आश्रम में आरती के साथ सिन्धी अबाणी बोली और रख त मुहिजे लाल से पाणे पूरी कन्दो….सहित कई सिन्धी गीतों की प्रस्तुति दी गई। मोहनदास सोनी ने आगंतुकों का स्वागत किया।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम स्वामी टेउंराम, भारत माता, सिन्ध ईष्टदेव झूलेलाल की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन और माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चाणी, इच्छापूर्ण झूलेलाल मन्दिर के खेमचन्द नारवाणी, अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। मंच संचालन महेश टेकचंदाणी ने किया। शिविर में संगीत शिक्षा ममता तुलस्यिाणी, शिक्षण सुनीता भागचंदाणी व योगेश ने करवाया।
6वां बाल संस्कार शिविर चन्द्रवरदाई नगर में शुरू किया गया। संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी ने बताया कि सिन्धु विकास समिति के सहयोग से मधुबन गार्डन चन्द्रवरदाई नगर ए ब्लाॅक में आयोजित शिविर में 107 विद्यार्थियों को शिक्षण और गीत संगीत के साथ खेलकूद का अभ्यास कराया जाएगा।
इस अवसर पर जगदीश भाटिया, प्रकाश मूलचंदाणी, हरीश खेमाणी, रमेश एच. लालवाणी, प्रवीण वाधवाणी, गोरधनदास खिलनाणी, चन्द्र नावाणी, खूबचंद खूबचंदाणी, सुन्दर लखवाणी सहित समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।