अजमेर। सिन्धु जागृति मंच ने भाजपा व कांग्रेस से लोकसभा में अजमेर से सिन्धी समाज के कार्यकर्ता को प्रत्याशी बनाए जाने व अजमेर विकास प्राधिकरण में भी सिन्धी कार्यकर्ता को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है।
मंच समन्वयक भगवान कलवाणी ने बताया कि बुधवार को स्वामी कॉम्पलेक्स में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के मुखियाओं से एक शिष्टमण्डल जयपुर व दिल्ली में सम्पर्क कर जिले व प्रदेश की स्थिति से अवगत कराएगा।
वैशाली सिन्धी सेवा समिति अध्यक्ष जीडी वृदांणी ने कहा कि प्रतिनिधि मण्डल की ओर से पत्र लिखकर मुलाकात की जाए। सिन्धी समाज के हरि चंदनाणी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से राजस्थान 200 विधानसभा सीटों में एक भी प्रत्याशी को विधानसभा में टिकट नहीं देने के कारण समाज में नाराजगी है और लोकसभा चुनाव से पूर्व अजमेर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष सिन्धी समाज के कार्यकर्ता को बनाया जाए।
सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कवंलप्रकाश किशनानी ने कहा कि चेटीचण्ड 6 अप्रेल के अवसर पर 23 दिवसीय पखवाडे में अलग अलग संस्थाओं व कॉलोनियों में धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। पूज्य सिन्धी पंचायत पंचशील नगर अध्यक्ष राधाकिशन आहूजा ने कहा कि हम सब मिलकर समाज हित में सहयोग करेंगे।
भारतीय सिन्धु सभा के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष पद शीघ्र ही नियुक्ति देकर राज्यमंत्री का दर्जा बरकरार रखा जाए। वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार हरीश वर्याणी ने कहा कि पखवाडा आयोजन के लिए युवा पीढी को जोडकर अधिक कार्यक्रमों भागीदारी सुनिश्चत की जाए।
कार्यक्रम का शुभारंभ ईष्टदेव झूलेलाल, स्वामी हिरदाराम साहिब व सिन्ध के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया। स्वागत भाषण जगदीश अभिचंदाणी ने दिया तथा समाजसेवी प्रकाश जेठरा ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन रमेश टिलवाणी ने किया।
उल्लेखनीय है कि कि अजमेर जिले में सिन्धी समाज के करीब दो लाख मतदाता रहते हैं। सिन्धी मतदाताओं की बहुलता के कारण ही एक बार कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य भगवान देव सांसद निर्वाचित हो चुके हैं व श्रीकिशन मोटवानी को इस क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था और वे विभिन्न चुनावों में अन्य जाति के प्रत्याशियों के मुकाबले कम मतांतर से पराजित हुए।
बैठक में मंघाराम भिरयाणी, भगवान साधवाणी, पार्षद मोहन लालवाणी, मुखी मोती जेठाणी, मोहन तुलस्यिाणी, खुशीराम ईसराणी, गोप मीराणी, नरेश रावलाणी, प्रेम केवलरामाणी, लाल नाथाणी, जयकिशन वतवाणी, वासुदेव सोनी, भरत गोकलाणी, घनश्याम भगत, नरेन्द्र बसराणी, प्रकाश छबलाणी, एमटी वाधवाणी, अजीत मूलाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।