अजमेर/जयपुर। दूरदर्शन पर सप्ताह में एक घंटा किया जाएगा, भविष्य में पूर्ण सिन्धी चैनल शुरू करने का विश्वास दिलाया व कहा कि सिन्धी समुदाय ने विभाजन के बाद कठिन परिश्रम से पूरे देश को आर्थिक सबलता प्रदान की है। ये बात केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मंत्री राजवर्द्धन सिंह राठौड ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
भारतीय सिन्धु सभा एवं सिन्धी समाज के सामाजिक धार्मिक संगठनों की ओर से सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के 1306वें बलिदान दिवस व सिन्धी भाषा की मान्यता के स्वर्ण जयन्ती पर समापन पर स्थानीय सीतापुरा स्थित जयपुर एक्जीविशन एण्ड कन्वेशन सेन्टर में आयोजित समारोह में बडी संख्या में सिन्धी समुदाय के लोगों ने शिरकत की।
समारोह में नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलाणी ने मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की घोषणा का धन्यवाद दिया जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा जयपुर शहर में विशाल और भव्य सिन्धु संस्कृति राष्ट्रीय पैनोरमा बनाने की घोषणा की। इसमें सिन्धु सभ्यता के साथ गौरवमयी इतिहास का प्रदर्शन रहेगा जो देशभर में अपनी अलग पहचान बनाएगा। उन्होने युवा पीढी सिन्धी भाषा व संस्कृति से जोडने का आव्हान किया।
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि संसार का सिरमोर है तो सिन्ध, सिन्ध से हिन्द तक की यात्रा में समाज द्वारा किया गया समर्पण इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। अगर किसी को स्वर्ग देखना हो तो सिन्ध में साधबेलो देखकर आए।
जीवन में एक बार सिन्ध स्थित हिंगलाज माता का मन्दिर अवश्य देखने जाएं। सिन्धु संस्कृति राष्ट्रीय पैनोरमा तैयार करने के लिए प्राधिकरण सदस्य कवंलप्रकाश किशनानी व भारतीय सिन्धु सभा के तीन सदस्य मिलकर कार्य को पूरा कराने की जिम्मेदारी दी गई।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनाणी ने कहा कि पाठ्यक्रम में हेमू कालाणी, भगवान चन्द्रदेव और सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन की जीवनी सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रमों में जोड़ी गई है। सिन्धु दर्शन पुस्तक पुस्तकालयों में रखी जाएगी। जयपुर और उदयपुर में सिन्धु शोध पीठ खोले जाने के प्रयास किए जाएंगे, वर्तमान में अजमेर और कोटा विवि में सिन्धु शोध पीठ हैं।
इससे पूर्व सभा के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने केन्द्र सरकार से सेन्ट्रल सिन्धी विश्वविद्यालय, दूरदर्शन पर सिन्धी चैनल, चेटीचण्ड पर राष्ट्रीय अवकाश, गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर सिन्धु संस्कृति की झांकी और सिन्धु संस्कृति का राष्ट्रीय स्मारक की मांगे रखी।
निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि सिन्धी समाज के द्वारा कई स्थानों पर सेवा प्रकल्प चल रहे हैं। राजस्थान सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष हरीश राजाणी ने अगले वर्ष उदयपुर में सिन्धु महाकुम्भ होने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राजस्थान सिन्धी अकादमी में इस वर्ष सिन्धी छात्रों को छात्रवृत्ति दुगुनी की।
संतों ने भी महाकुम्भ में दिया आशीर्वाद
सांई नन्दलाल अमरापुर स्थान, सांई श्यामदास राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय सिन्धी साधु समाज, हरिशेवा सनातन आश्रम भीलवाडा के सांई मायाराम, तीर्थराज पुष्कर के शांतानन्द उदासीन आश्रम के महन्त हनुमानराम, सांई जमनादास, सांई माधव दास, आगरा के सांई डॉ. शंकर नाथ योगी ने प्राचीनतम सिन्धु सनातन संस्कृति को बढावा देने के लिए समाज द्वारा किए जाने वाले ऐसे प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य भर से आए कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद दिया।
सभा के केन्द्रीय पदाधिकारियों ने किया मार्गदर्शन
मार्गदर्शक कैलाशचन्द ने कहा कि सभा की ओर से सभी पंचायतों, सामाजिक संगठनों के साथ संतो के आशीर्वाद से बाल संस्कार शिविर व स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रम रथयात्रा कर प्रेरणादायी कार्य किया है जिसे आगे बढाना है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांतरंजन, सह क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम, भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष लधाराम नागवाणी, संगठन मंत्री भगतराम छाबडि़या, राष्ट्रीय महामंत्री भगवानदास सबनानी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नवलराय बच्चानी ने भी विचार प्रकट किए।
अजमेर के मशहूर कलाकार घनश्याम भगत व हरिसुन्दर बालिका विद्यालय के विद्यार्थियों ने बाल संस्कार शिविर में तैयार कार्यक्रम की प्रस्ततियां दी। तरूण राय कागा विधायक चौहटन, भाजपा शहर अध्यक्ष संजय जैन, महापौर अशोक लाहोटी, चेयरमैन महेश कलवानी उपस्थित रहे।
सह-संयोजक मोहन नानकाणी ने राष्ट्रपति का व संभाग प्रभारी हीरालाल तोलाणी ने प्रधानमंत्री का बधाई संदेश पढकर सुनाया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान झूलेलाल और सांई टेऊराम की मूर्ति के समक्ष पूज्य संतों के द्वारा दीप प्रज्जवलन से हुआ। प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी और सह संयोजक मुकेश लख्यानी ने मंच संचालन किया। संयोजक हरगुनदास नेभनानी ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अजमेर से 1000 कार्यकर्ता बसों व निजी वाहनों से सम्मिलित हुए व कोटा, उदयपुर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, पाली, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा सीकर, चूरू, सहित पूरे राज्य से सिन्धी समाज ने हजारों की संख्या में महाकुम्भ में भाग लिया। विशेष रूप से युवा और महिलाओं की प्रतिभागिता रही।
भीलवाड़ा के गुलाब राय मीरचन्दानी ने हरि सेवा सनातन मंदिर के सहयोग से सिन्धियत पर प्रदर्शनी लगाई। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। अजमेर से तुलसी सोनी, खेमचंद नारवाणी, मनीष ग्वालाणी, मोहन तुलस्यिाणी, मोहन कोटवाणी, महेश टेकचंदाणी, कमलेश शर्मा, मोती जेठाणी, सुन्दरदास, पुष्पा साधवाणी, रमेश वलीरामाणी, ईसर भम्भाणी के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ता सम्मिलित हुए।