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सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन 1353वीं जयंती पर गूंजे देशभक्ति के तराने - Sabguru News
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सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन 1353वीं जयंती पर गूंजे देशभक्ति के तराने

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सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन 1353वीं जयंती पर गूंजे देशभक्ति के तराने

अजमेर। सिधुपति महाराजा दाहरसेन की 1353वीं जयंती, स्मारक का रजत जयंती वर्ष व आजादी के अमृत महोत्सव पखवाडे कार्यक्रमों में हरिभाऊ उपाध्याय नगर विस्तार स्थित स्मारक पर देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम व पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया।

इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि भारतवर्ष की आजादी के इतिहास में सिंधुपति महाराजा दाहरसेन एवं उनके परिवार के संघर्ष व बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। आजादी के बाद भी अनेक शक्तियां हमारे देश को कमजोर करने में लगी हैं जिनसे हमें सावधान रहना होगा। महाराजा दाहरसेन व उनके परिवार के बलिदान को याद रखने के लिए संसद भवन में उनकी मूर्ति लगाने के प्रयास किएं जाएंगे व पाठक्रम में भी इन महापुरूषों का भी इतिहास जोड़ा जाएगा।

समारोह में पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि देश की आजादी में अमृत महोत्सव में ऐसे महान योद्धाओं का स्मरण करना बेहतर अवसर है। महाराजा दाहरसेन एक ऐसे राष्ट्र भक्त योद्धा थे जिनके बलिदान और त्याग देश की स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सदैव स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। युवा पीढ़ी हमारी संस्कृति को आत्मसात करते हुए देश के नवनिर्माण में अपनी भूमिका निभाए। महाराजा दाहरसेन राष्ट्रीयता का प्रतीक है और उनके प्रति आस्था राष्ट्रीय भक्ति करना है।

भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि महाराजा दाहरसेन के नाम शोध पीठ हो व विश्वविद्यालय बनना चाहिए जिससे युवा पीढ़ी को सिन्ध की सभ्यता संस्कृति, पहनावा व अन्य संस्कृति की जानकारियां से जुडाव हो सके। इस वर्ष सिन्धु सभा द्वारा यह तक किया गया कि वीर सपूत हेमू कालाणी का जन्म शताब्दी वर्ष चल रहा है और शादाणी दरबार रायपुर के सहयोग से सिन्ध के हेमू कालाणी के जन्म स्थल सक्खर व अन्य जुडाव के शहरों के भी भ्रमण किए जाएंगे।

स्वागत भाषण में कवंल प्रकाश किशनानी ने बताया कि स्मारक पर होने वाले बलिदान दिवस व जयंती के कार्यक्रमों के साथ स्मारक पर महापुरूषों की स्थापित मूर्तियों पर निरतंर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आने वाले समय में अजमेर आने वाले पर्यटकों व समाज बन्धुओं को स्मारक तक आने के लिए सभी को प्रेरित करना चाहिए।

इस अवसर पर विधायक वासुदेव देवनानी, सिन्धु शोध पीठ के निर्देशक डाॅ.सुब्रतो दत्ता ने भी संबोधित किया। पूर्व उप महापौर सम्पत सांखला ने आभार जताया। मंच का संचालन विष्णु भार्गव व शिव प्रसाद गौतम ने किया। हिंगलाज माता पूजा अर्चना मोहन तुलस्यिाणी ने किया। जगदीश कुर्डिया सहित अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिशाषी अभियंता राजेन्द्र कूडी, अमित बजाज, पर्यटन विभाग से प्रद्युमन सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

देश भक्ति व सांस्कृतिक कार्यक्रम

समारोह के प्रांरभ में मुस्कान कोटवाणी ने वंदे मातरम की प्रस्तुति दी। घनश्याम ठारवाणी भगत के संयोजन में हरीसुन्दर बालिका विद्यालय की छात्राओं ने देश भक्ति कार्यक्रमों में सारे जहां से अच्छा…, स्वामी सर्वानन्द विद्या मन्दिर के विद्यार्थियों ने तलवारों से सिर वार दिए अंगारों पर जिस्म.., संदेशे आते हैं हमें तडपाते है.., हेमू तो वधायो भारत जो शानु…, राउमा विद्यालय सिन्धी देहली गेट के विद्यार्थियों ने ऐ वतन मेरे वतन ऐ वतन आबाद रहे…, केन्द्रीय बाउमा विद्यालय पुरानी मण्डी सामूहिक गीत व नृत्य…, मुस्कान कोटवाणी ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछडे चमन… व अन्य प्रस्तुतियां पर्यटन विभाग द्वारा दी गई।

प्रतियोगिता के विजेताओं का सम्मान

सिंधुपति दाहरसेन चित्रकला रंग भरो प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया। जुनियर वर्ग में एचकेएच की हर्षिता पंवार प्रथम, राउमावि की जयश्री द्वितीय, माॅडल गर्ल्स स्कूल की रागिनी गायकवाड़ तृतीय, सीनियर वर्ग में संत कंवर राम स्कूल के निखिल मूलचंदानी प्रथम, हरीसुंदर बालिका विद्यालय की अर्चना द्वितीय व माॅडल स्कूल की तनीषा चौहान तृतीय व विद्यालय स्तर की प्रतियोगी विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।

कबड्डी प्रतियोगिता शहीद अविनाश माहेश्वरी आदर्श विद्या निकेतन भगवानगंज की विजेता टीम में शानू, विक्की, आर्यन, रौनक, प्रकाश, प्रिसं, कुनाल व उप विजेता में जतिन, कुनाल, रणवीर, राम, सुनील, हर्ष, भरत को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर सिन्धी सेन्ट्रल महासमिति के महासचिव गिरधर तेजवाणी, पूर्व विधायक हरीश झामनाणी, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी सुरेश सिन्धी, डाॅ.लक्ष्मी ठाकुर, डाॅ. राजेश खत्री, अशोक टेवाणी, शशि प्रकाश इन्दौरिया, भैरू गुर्जर, विनीत लोहिया, प्रहलाद शर्मा, लेखराज राजोरिया, रमेश मेंघाणी, कमल पंवार, महेेश शर्मा, शैलेन्द्र परमार, श्याम बाबू वर्मा, दुर्गाप्रसाद शर्मा, रूकमणी वतवाणी, मोहन लालवाणी, मोहन कोटवाणी, कमलेश शर्मा, रमेश लखाणी, रमेश वलीरामाणी, दीपक राठौड, मुकेश आहूजा, प्रदीप हीरानंदाणी, दीपेन्द्र लालवाणी, नरेन्द्र सोनी, रमेश एच.लालवाणी, एमटी वाधवाणी, राजेन्द्र चैधरी, विक्रम सिंह, प्रकाश हिंगोराणी, जितेन्द्र जोशी सहित अलग अलग संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।