सिरोही। सिरोही जिले में आबूरोड के रीको थाना क्षेत्र में पिछले दिनों एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गलत तथ्य पेश करने पर न्यायालय की कठोर टिप्पणी के बाद थानेदार को निलम्बित कर दिया गया।
पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि 18 दिसंबर को गुजरात के अहमदाबाद की पीड़ित महिला ने रीको पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी कि 17 दिसम्बर को वह हनुमान टेकरी मंदिर में दर्शन करने आई थी। रात में वह पुराना चेकपोस्ट क्षेत्र में वापस जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी, उसी दौरान तीन युवक उसे जबरन उसे खण्डहरनुमा मकान में ले गए में ले गए, जहां आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
उसने अंकित, मकान मालिक सहित चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता का मेडीकल कराया तो उसमें दुष्कर्म की पुष्टि हो गई। पुलिस ने एक मामले में एक आरोपी अंकित को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी चम्पाराम ने तीनों युवकों के खिलाफ छेड़छाड़ और दुष्कर्म का मामला बनाया, जबकि मकान मालिक को आरोपी नहीं बनाया।
न्यायालय ने इस मामले को गंभीर माना और पुलिस उच्चाधिकारियों एवं जिला मजिस्ट्रेट को भी इस संबंध में थानाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश दलपतसिंह राजपुरोहित ने टिप्पणी कि थी कि इस तरह का अनुसंधान पुलिस कार्यशैली को संदिग्ध बना रहा है, ऐसे मामलों में सही अनुसंधान नहीं करने से हैदराबाद जैसी घटनाओं का जन्म होता है।
न्यायालय ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपी अंकित की ओर से न्यायालय में पेश की गई जमानत याचिका खारिज करने के साथ ही अनुसंधान अधिकारी की कार्यप्रणाली पर रोष जताते हुए पुलिस महानिदेशक जयपुर, पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर एवं जिला मजिस्ट्रेट सिरोही को उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
इस पर पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीणा ने थानाधिकारी चंपाराम को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया और सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया।