निचलागढ़ (सिरोही)। भीषण गर्मी के बीच जहां सरकार के अफसर एसी और कर्मचारी कूलर की शीतल हवा में आराम फरमा रहे हैं वहीं सिरोही जिले की आबूरोड तहसील के आदिवासी बहुल निचलागढ ग्राम पंचायत क्षेत्र में पेयजल के लिए त्राहि त्राहि मची है। पीने के पानी के लिए हेंडपंप पर आश्रित आदिवासियों को दूर दराज तक भटकना पड रहा है।
ऐसी ही विकट परिस्थिति का सामना निचलागढ़ ग्राम पंचायत की सोलंकीफली के आदिवासी कर रहे हैं। सकरा पुत्र रूपा के घर पास वाला हेण्डपंप पिछले छह माह से खराब पडा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद जलदाय विभाग में सुनवाई करने वाली कोई नहीं है। सुगम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
निचलागढ़ में वार्डपंच गुजा राम ने दिनांक 24 मई को न्याय आपके द्वार शिविर में उपखण्ड अधिकारी निशान्त जैन को लिखित में स्थिति से अवगत कराया था, आवासन भी मिला लेकिन हेण्डपंप अब तक ठीक नहीं हुआ।
वार्ड पंच ने बताया कि वार्ड तीन स्थित सोलंकीफली में सकरा पुत्र रूपा के घर के पास लगे हेंडपंप में पर्याप्त जल आ रहा था। कोई छह माह पहले जलदाय विभाग के कर्मचारी आए और हेंडपंप के रखरखाव के नाम पर 3 पाइप, फुटबाल, चैन निकाल कर ले गए। इसके बाद से हेंडपंप नकारा पडा है।
इसी तरह साटरियाफली में गुजाराम पुत्र नगाराम के घर के पास लगा हेंडपंप भी खराब पडा है। भीतर लगे पाइपों में जंग लगने से पानी लीकेज हो जाता है।
हेंडपंप खराब होने की शिकायत सुगम पोर्टल पर 10170792696237 क्रम संख्या पर दर्ज है। लेकिन जलदाय विभाग आंख मूंदे बैठा है और भीषण गर्मी में आदिवासी पानी के लिए मोहताज होकर दर दर भटकने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि यह वहीं हेंडपंप है जिसकों लगवाने के लिए आदिवासियों ने पहाडी क्षेत्र में 20 दिन श्रमदान किया था तब कहीं जाकर हेंडपंप लगाने वाली मशीन उंची पहाडी तक पहुंच पाई थी।