सबगुरु न्यूज-सिरोही। कलक्टर अनुपमा जोरवाल को उस समय अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब सिरोही के अधिवक्ताओं ने सिरोही तहसील कार्यालय में कथित भ्रष्टाचार पर उन्हें तहसील कार्यालय में हर काम की दरें लगाने का अनुरोध कर दिया। तहसील कार्यालय में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार से व्यथित अधिवक्ताओं ने गुरुवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर को लिखित ज्ञापन भी दिया।
इस ज्ञापन में सिरोही तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर सख्त आपत्ति जताते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया। अधिवक्ताओं ने लिखित ज्ञापन में आरोप लगाया कि सिरोही तहसीलदार के पास तहसील में भूरूपान्तरण और रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रार का चार्ज भी है।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि सिरोही तहसीलदार दोनो जगहों के कामों में जानबूझकर ऐसी कमियां छोड़ देते हैं कि फरियादी को फिर से उनके पास जाना पड़े। इन्होंने आरोप लगाया कि दस्तावेजों को मार्क करवाने के लिए जाने और भी घंटे भर इंतजार करवाते हैं और जानबूझकर लोगों को परेशान करते हैं।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि सिरोही तहसीलदार के खिलाफ पहले भी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं होती। अधिवक्ताओं ने तहसीलदार सिरोही के विरुद्ध तुरंत प्रभाव से सख्त कार्यवाही कर उनके पास से उप पंजीयक का चार्ज किसी अन्य सक्षम अधिकारी को देने व राज्य सरकार से अनुरोध कर सिरोही तहसीलदार का चार्ज किसी अन्य को दिलवाने की मांग की।
इनका कहना है…
वकीलों के अपने निजी हित हैं। दस्तावेजों में कई कमी रखते हैं इसलिए पूर्ण करवाने के लिए इन्हें कहा जाता है। वैसे रजिस्ट्री में अधिवक्ताओं का कोई काम नहीं होता। नामांतरण में क्लाइंट की अनुमति से ये दस्तावेज पेश करते हैं। निजी हितों के कारण इन्हें शिकायत होती है, सामान्य नागरिक से पूछिए मेरे कार्यालय में कोई काम उनका नहीं अटकता।
रघुवीरसिंह
तहसीलदार, सिरोही।