सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के इस्तीफे के बाद सिरोही जिले में भी भाजपा में परिवर्तन की संभावनाएं जताई जा रही है। तीनों विधायकों और भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ यहां पल रही नाराजगी का परिणाम आने की आशा में भाजपा में उपेक्षित छोड़ दिया गया धड़ा उत्साहित है। जिले में भी भजपा जिलाध्यक्ष को बदलने की मांग लंबे अरसे से चल रही है ऐसे में परनामी के त्यागपत्र से जिले में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाला धड़ा फिर सक्रिय हो गया है।
भाजपा में लंबे अरसे से असंतोष व्याप्त है। राज्य सरकार द्वारा दो साल पहले जब मुख्यमंत्री आओके द्वार कर्यक्रम के दौरान पांच मंत्रियों को यहां फ़ीडनेक केने के लिए भेज गया था, तब पहली बार तीनों विधानसभा में कार्यकर्ताओं में असंतोष और उपेक्षा का दर्द उभर कर बाहर आया। इसके बाद मुख्यमंत्री के सिरोही आने पर भी इसी तरह का असन्तोष था, लेकिन उन्होंने तो कार्यकर्ताओं को बोलने तक का मौका नहीं दिया।
ये असंतोष निरंतर बढ़ता गया। आज हालात ये है कि तीनों विधायकों और पार्टी प्रमुख के खिलाफ जातिवाद और पसन्द-नापसन्द के आधार पर पार्टी में नियुक्ति देने और विधायकों द्वारा विधायक मद की राशि का अपने करीबियों का ही काम करवाने को लेकर असन्तोष विस्फोट की स्थिति में पहुंच गए है। ये असंतोष लोकसभा की दो और विधानसभा की एक सीट बुरी तरह हारने के बाद सिरोही में भेजे गए मंत्री की मौजूदगी में साफ नजर आया।
यहां आए कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के सामने पूर्व पदाधिकारियों ने सर्किट हाउस में पार्टी द्वारा उनकी अवहेलना पर जबरदस्त रोष जताया। वहीं दूसरे दिन हुई मुलाकात में इस लोहों ने जिलाध्यक्ष को हटाने की भी मांग कर दी। वैसे प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफा देते ही संविधानानुसार जिले की सभी कार्यकारिणी भी भंग हो जाती है, लेकिन फिर भी अगली नियुक्ति तक वर्तमान पदाधिकारी ही कार्यवाहक के रूप में काम करते रहेंगे।
हाल ही में सिरोही बीजेपी के मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी ने अपने पद से इस्तीफा देकर पार्टी नेतृत्व और जनप्रतिनिधियों की विफलता पर मोहर लगा दी है। ऐसे में अब नए प्रदेशाध्यक्ष फिर से सिरोही जिले में वर्तमान असंतोष को देखते हुए मौका देते हैं या नही इसी कयास में परनामी के इस्तीफे की सूचना के बाद सिरोही के भाजपा नेताओं में चर्चाएं होती रहीं।