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रणकपुर में बजी सिरोही की रणभेरी, पदाधिकारियों ने कहा परिवर्तन ही विकल्प - Sabguru News
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रणकपुर में बजी सिरोही की रणभेरी, पदाधिकारियों ने कहा परिवर्तन ही विकल्प

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रणकपुर में बजी सिरोही की रणभेरी, पदाधिकारियों ने कहा परिवर्तन ही विकल्प
रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।
 रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।

रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।

रणकपुर से परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज। भारतीय जनता पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में सोमवार को जोधुपर और उदयपुर संभाग के जिन जिलों की फीडबैक मीटिंग थी उनमें सिरोही जिला भी शामिल था। सिरोही की तीनों सीटों पर यूं तो परिवर्तन की बात हुई, लेकिन सिरोही विधायक ओटाराम देवासी, पिण्डवाड़ा आबू विधायक समाराम गरासिया और रेवदर विधायक जगसीराम कोली को लेकर सभी पदाधिकारियों ने परिवर्तन की ही बात कही।

 


भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षक गजेंद्रसिंह और अशोक परनामी, रेवदर विधानसभा क्षेत्र में गुलाबचंद कटारिया और सतीश पूनिया तथा पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षकों ने सिरोही जिले से अपेक्षित पार्टी पदाधिकारियों से फीडबैक लिया वहीं उपेक्षित कार्यकर्ता यहां पहुंचकर जबरदस्त उपेक्षा के शिकार हुए।

माउण्ट आबू में अपेक्षित पदाधिकारियों ने इस फीडबैक मीटिंग का बहिष्कार किया। तीनों विधानसभाओं में वर्तमान विधायकों को बदलने की मांग उठने पर पर्यवेक्षकों ने चिंता भी जताई और पदाधिकारियों से कारण भी पूछे। पदाधिकारियों ने खुलकर कारणों की फेहरिस्त दे दी।

फिलहाल पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस फीडबैक मीटिंग को औपचारिकता मानते हुए इसके कार्यकर्ताओं की भड़ास निकालने वाली बैठक कहने से भी नहीं चूक रहे हैं। पुराने अनुभवों के आधार पर उनका मानना है कि इन फीडबैक से कोई फर्क नहीं पड़ेगा टिकिट तो पहले ही तय होंगे या बाद में भी जयपुर से ही तय होंगें।

 रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।

रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।

-सिरोही विधानसभा
सिरोही के पर्यवेक्षकों के सामने अधिकांश दावेदारों और पदाधिकारियों ने परिवर्तन को ही जीत का मार्ग बताया। वर्तमान विधायक ओटाराम देवासी की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ जमकर खिलाफत हुई। सिरोही के निवर्तमान मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी और महामंत्री शंकरसिंह ने इसकी शुरूआत की। फिर तो जैसे स्थानीय व्यक्ति को तरजीह देने और परिवर्तन की बात कही। इसके बाद सभी दावेदार और पदाधिकारियों ने इस सुर में सुर मिलाया।

दावेदारों को बाहर भेजा तो इस दौरान यह भी कह दिया गया कि इस बार बाहरी को वोट दिया तो हम काम भी नहीं करेंगे। वहीं दावेदारों को जब अंदर बुलवाया तो उन्होंने भी एक सुर में स्थानीय को ही टिकिट देने का राग अलापा। स्थिति यह हुई कि रेवदर विधानसभा के एक दावेदार के सामने ही हेमंत पुरोहित ने उन्हें यह कह दिया कि आप रेवदर विधानसभा के हैं और स्थानीय के रूप में पहला हक मेरा बनता है।

वहीं महिला वर्ग में पायल परसरामपुरिया की दावेदारी के साथ सिरोही प्रधान प्रज्ञा कंवर ने स्थानीय होने की बात कहते हुए अपना भी हक बताया। वहीं ओटाराम देवासी के एक समर्थक पदाधिकारी ने रघुनाथ माली की दावेदारी पर यह कहते हुए सवालिया निशान लगा दिया कि जो आदमी कभी पार्टी में रहा ही नहीं उसे टिकिट की बात कार्यकर्ताओं से धोखा है।

इस दौरान पायल परसरामपुरिया, जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी, नारायण पुरोहित, विरेन्द्रसिंह चैहान, अशोक पुरोहित, हेमंत पुरोहित, भंवर परमार, प्रज्ञा कुंवर, विक्रमसिंह रोड़ा, कमलेश दवे, गंगासिंह कालन्द्री, रघुभाई माली, श्रीमति उषा माली ने अपनी दावेदारी जताई। वहीं पर्चियों में कुछ पदाधिकारियों ने ओटाराम देवासी की दावेदारी में भी समर्थन जताया।

कयासों के विपरीत सिरोही सभापति ताराराम माली और रक्षा भंडारी ने दावेदारी नही की ।पार्टी में अधिकांश पदों पर अपने आदमी बैठाने का सबसे ज्यादा फायदा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी को होता नजर आया।

 रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।

रणकपुर में सिरोही विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की बैठक।

-रेवदर विधानसभा
यहां भी जगसीराम कोली के परिवर्तन की बात उठी। वैसे उनके समर्थकों की संख्या भी खासी थीं उनके समर्थन मंे पार्टी पदाधिकारियों के अलावा रेवदर विधानसभा क्षेत्र के पचास से ज्यादा जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्यों के अलावा पार्टी पदाधिकारियों के पत्र थे।

कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने भी उनको टिकिट दिए जाने को लेकर पत्र लिखे। वहीं जगसीराम कोली विरोधी खेमे ने उनकी मुखालफत भी की। उनकी दलील यही थी कि कांग्रेस समर्थित लोगों की पंचायतों में भी वे काम करवा रहे हैं।

पर्यवेक्षकों द्वारा दावेदारों को निकालने के बाद मगन कोली, केसाराम कोली, रंजीत कोली, लक्ष्मण कोली, दौलाराम कोली, प्रकाश मेघवाल, आबूरोड पालिकाध्यक्ष सुरेश सिंदल, विजय गोठवाल, रेवदर प्रधान पुंजाराम मेघवाल समेत 15 लोगों ने अपनी दावेदारी रेवदर विधानसभा क्षेत्र से जताई।
-पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा
पिण्डवाड़ा-आबू विधानसभा के विधायक समाराम गरासिया की दावेदारी पर माउण्ट आबू के 17 हजार वोटरों ने पहले ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया। माउण्ट आबू के मंडल अध्यक्ष व दो महामंत्री ने जनता को किए वायदे के अनुसार इस बैठक का बहिष्कार किया।

यहां दावेदारों की संख्या कम है तो विरोध भी कम रहा, लेकिन अधिकांश लोग यहां भी समाराम गरासिया को परिवर्तित करने पर एकजुट रहे। यहां पर समाराम के अलावा रतनलाल गरासिया, अर्जुन गरासिया, धनाराम मीणा ने अपनी दावेदारी जताई।