सिरोही। सबगुरु न्यूज की 6 सितम्बर की खबर को रीकोट करते हुए सिरोही भाजपा के मंडल महामंत्री जब्बरसिंह ने लिखा था कि सबगुरु न्यूज की खबर गलत है। उसी मैसेज में उन्होंने शेखी बघारते हुए इसे तथ्यहीन बताया था। उनका दावा था कि सिरोही में सोमवार को सिरोही भाजपा मण्डल के द्वारा अयोजित ज्ञापन कार्यक्रम में चुनिंदा लोगों को बुलवाया था और उन्होंने इसके लिए सूचना देने का काम उनका है।
तो चलिए खोलते हैं इस गलत बयानी की कलई कि उन्होंने चुनिंदा लोगों को ही बुलाया था, बहुत ज्यादा लोगों को नहीं। भाजपा के ही 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं से जुड़े व्हाट्स एप समूह में मंडल अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल ने लिखा था कि हिंदू समाज की भावनाओं का उपहास उड़ाने वाले डीएमके नेता के खिलाफ कार्रवाई का राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा।
इसमें लिखा था कि ‘अधिकाधिक’ संख्या में आएं। तो जब्बरसिंह का ये दावा झूठा है कि उन्होने सबको आमंत्रित नहीं किया था और चुनिंदा लोगों को बुलाया था। ‘अधिकाधिक’ संख्या में ज्ञापन देने के लिए शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के इसी सन्देश को जब्बरसिंह राठौड़ ने फिर से किसी समूह में पेस्ट किया।
‘अधिकाधिक’ संख्या लिखा जाना जब्बरसिंह राठौड़ के इस दावे को भी झूठा साबित करता है कि उन्होंने चुनिंदा लोगों को बुलाया था। ये सन्देश स्पष्ट बताते हैं कि सिर्फ लोकेश खण्डेलवाल ही नहीं बल्कि मंडल महामंत्री जब्बरसिंह राठौड़ भी सिरोही मंडल में अपने अध्यक्ष की तरह निष्प्रभावी हैं। उनके आधिकाधिक बुलवाने पर भी मंडल के आधा दर्जन पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्रित नहीं हो रहे हैं।
मंडल अध्यक्ष के दावेदार
सबगुरु न्यूज के समाचार को तथ्यहीन बताने वाले भाजपा मण्डल महामंत्री जब्बरसिंह राठौड़ सिरोही नगर मण्डल के अध्यक्ष बनने के। लिए खुदको प्रबल दावेदार मानते हैं। सूत्रों के अनुसार 15 अगस्त को वास्तानजी में हुई बैठक में इस मुद्दे पर भी प्रमुखता से चर्चा हुई बताई जाती है। ऐसे में ये कयास लगाना मुश्किल नहीं है कि अधिकाधिक लोगों को बुलाने के बाद भी आधा दर्जन मंडल पदाधिकारी एकत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो मंडल अध्यक्ष बनने के बाद कितना प्रभाव छोड़ पाएंगे।
तो फिर दलित नेताओं की अवहेलना का जिम्मेदार कौन!
ज्ञापन देते समय मुख्य भाजपा लोग भाजपा सिरोही के तीन दलित नेताओं को अपने साथ कलेक्टर चैंबर में नहीं लेकर गए। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष मगन मीना तो कलेक्टर चेंबर के बाहर ही नाराजगी जता दी थी। वहीं प्रवीण राठौड़ ने एक व्हाट्सएप समूह में इसे अपना हनन मानते हुए पूछा कि ये कब तक होगा। जब्बरसिंह राठौड़ ने दावा किया है कि उन्होंने सूचना करके लोगों को बुलाया है। तो ऐसे में दलित नेताओं को भी उनके द्वारा फोन किया जाना माना जा सकता है तो फिर इनको बुलवाकर इस तरह अवहेलना करने का ज़िम्मेदार भी इन्हें ही माना जा सकता है।