सिरोही। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रभारी मंत्री महेन्द्र चौधरी ने मंगलवार को जिले में पत्रकार वार्ता के दौरान करीब सात-आठ पेज का उपलब्धि वाचन किया। करीब आधा घंटा चले उपलब्धि वाचन के बाद गवर्नेंस और आम जन को टैक्सेस से राहत की बात की तो हर सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री को अवतार पुरुष बताते हुए खत्म कर दिया।
स्टाम्प पर कोरोना के नाम पर वसूले जा रहे अतिरिक्त कर के संबंध में उन्होंने इस तरह के किसी टैक्स की वसूली पर अनभिज्ञता जाहिर की। बाद में राजस्व अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। जावाल नगर पालिका के पट्टा प्रकरण और भ्रष्टाचार के संबंध में सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के ध्येय वाक्य को फिर से दोहराया।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज की गई है। पत्रकारों द्वारा इस तरह की कोई एफआईआर दर्ज नहीं करने की जानकारी देने पर मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रशासन ने ही पहल करके जांच शुरू की और कार्रवाई की। बेरोजगारी भत्ते के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि आवेदन करने का अधिकार सबको है लेकिन, उन्हीं लोगों को लाभांवित किया गया जो कि पात्र हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का महिमामंडन करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी नजर राज्य के अंतिम इलाके पर भी है। लेकिन, माउण्ट आबू नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा पिछले करीब डेढ़ साल के जनप्रतिनिधियों और आम आदमी का फोन रीसिव नहीं करने की स्थायी परम्परा डाले अधिकारियों को मिल रही सरपरस्ती के बारे में पूछा तो मंत्री ने कहा कि उन्हें इस तरह की जानकारी नहीं है कि अधिकारी इस तरह से जनता को परेशान कर रहे हैं, वे इसकी जानकारी करवाएंगे।
इस मामले में झाड़ा पल्ला
प्रभारी मंत्री को अरविंद पेवेलियन के भाषण में सिरोही मुख्यमंत्री के सलाहाकार संयम लोढ़ा द्वारा शहीदों स्मारक शिलान्यास जैसे कार्यक्रम में भी सांसद देवजी पटेल पर अंगुली उठाने और वहां से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नीरज डांगी व कांग्रेस जिलाध्यक्ष की गैर मौजूदगी का सवाल किया। उन्होंने सवाल का बड़े डिप्लोमेटिक अंदाज में जवाब दिया। चौधरी ने कहा कि संसद का सत्र चलने के कारण राज्यसभा सांसद नहीं आ पाए।
जब लोकसभा का सत्र भी राज्यसभा के साथ ही चलने का सप्लीमेंट्री सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सत्र के कारण कौन नहीं आता है और कौन आता है ये उनकी व्यक्तिगत इच्छा है।
उनसे कांग्रेस जिलाध्यक्ष के आज के शिलान्यास कार्यक्रम में गैरमौजूदगी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम सरकारी थी उसमें कांग्रेस के प्रतिनिधि आएं या नहीं आएं उन पर निर्भर है। उनका कहना था कि सोमवार को हुए कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि सोमवार को प्रदर्शनी का उद्घाटन कार्यक्रम था ये भी सरकारी कार्यक्रम ही था कांग्रेस का नहीं।