सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा की झुंझलाहट शुक्रवार को फिर देखने को मिली। यह झुंझलाहट जिला यातयात समिति की बैठक के दौरान थी। इसकी अध्यक्षता जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कर रहे थे और पुलिस अधीक्षक भी इसमें मौजूद थे। इनके अलावा जिले के यातायात विभाग, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, नगर निकायों के प्रतिनिधि भी इस बैठक में थे।
बैठक में विधायक की झुंझलाहट बैठकों में लिए जाने वाले निर्णयों की अनुपालना नहीं होने को लेकर थी। इस तरह की झुंझलाहट जन प्रतिनिधियों की पहली बार नहीं हुई है। अधिकारियों ने ये धार रखा है कि काम तभी होगा जब उनकी इच्छा होगी न कि तब जब जनता को जरूरत होगी।
जिला यातायात समिति में सिरोही विधायक के झुँझलाने के पीछे का एक कारण ये था कि सिरोही शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के कुछ सुझाव लोढ़ा ने पिछली यातायात समिति की बैठक में दिए थे। इसमें जिला मुख्यालय पर सरजावाव दरवाजे के कुछ दूर स्थित हरिजनशाला विद्यालय के खाली हो चुके परिसर के स्थाना पार्किंग विकसित किए जाने को लेकर था। जिस बैठक में वो प्रस्ताव लिया गया था वो बैठक करीब सात महीने पहले हुई थी।
इस पर कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। इस पर संयम लोढ़ा ने जिला कलक्टर से कहा कि जब प्रस्तावों पर अमल नहीं करना है तो बैठकें रखने का फायदा क्या है। इस दौरान ओटाराम देवासी की सरपरस्ती में चल रहे ताराराम माली के कार्यकाल से भी ज्यादा इस कार्यकाल में निष्क्रिय हो चुकी नगर परिषद सिरोही के प्रतिनिधियों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वे लोग तो इस प्रस्ताव को लेकर डीएलबी जा सकते थे।
उन्होंने जिला यातयात अधिकारी समेत सिरोही नगर परिषद आयुक्त को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि उन्होंने इस पार्किंग का प्रपोजल भेजा है तो नगर परिषद में 100 आदमी हैं। लेकर जाना चाहिए इस मुद्दे को डायरेक्टर के सामने। उन्होंने कहा कि जब एक बार कमेटी ने निर्णय ले लिया तो फिर ये किसकी जिम्मेदारी है कि लैण्ड ट्रांसफर करवाए। जाकर कलेक्टर से मिलते, क्यों नहीं मिले? उन्होंने समिति के सचिव डीटीओ से कहा कि जिस शहर में कलेक्टर और एसपी बैठ रहे हैं वहां की यातायात व्यवस्था को प्रबंधित होनी चाहिए और लोगों में भी ट्राफिक सेंस होना चाहिए।
इससे पहले एनएचएआई और टोल कलक्टिंग कम्पनी को भी आड़े हाथों लिया। उथमण टोल नाके की दोनों कॉर्नर लाइन को बंद किया हुआ है। लोढ़ा ने कहा कि पिछली बैठक में इसे खोलने का कहा था, लेकिन नहीं खोला गया। उन्होंने नाराजगी जताई कि इतनी ही नहीं इस लाइन को खोलने के लिए टोल पर तैनात कार्मिकों को कहा जाता है तो वो लोगों से बदतमीजियों पर उतर आते हैं।
पिण्डवाड़ा के झांकर के पास प्रस्तावित अंडरब्रिज नहीं बनाने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हाइवे पर वाहन चलाते हुए पशु रास्ते में आ जाते हैं। इससे वाहन में सवार लोगों और पशुओं की जान का जिम्मेदार कौन होगा? उन्होंने कहा कि हाइवे पर घायल पशुओं को ले जाने के लिए एम्बुलेंस तक की व्यवस्था नहीं है। लोगों को घायल पशुओं को दोपहिया वाहनों पर भी ले जाते देखा गया है।
जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि बैठक में निणज़्य लिया जाता है, इसकी पालना के लिए अधिकारी आपसी तालमेल बनाकर कायज़् करें और उच्चाधिकारियों को मेरे द्वारा पत्र लिखा जाए, इसके बाद बार-बार फॉलोअप भी लेते रहें। बैठक का इंतजार नहीं करें, 7 माह बाद बैठक में अच्छे परिणाम नहीं आए , यह गंभीरत बात है। जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी से कहा कि वे पैचवर्क समय -समय पर निरन्तर करते रहें। उन्होंने हाईवे पर पशुओं को आने से रोकने के लिए जिला परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए कि वे हाईवे से लगती हुई ग्राम पंचायतों के सरपंचों के साथ बैठक बुलाई पांबद किया जाए।
जिला पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र सिंह ने सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न श्रेणी के चालान की प्रक्रिया के बारें में अवगत कराया।
जिला परिवहन अधिकारी नानजीराम गुलसर ने बैठक की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और कहा कि बैठक में लिए गए निर्णयों पर संबंधित विभाग के अधिकारियो से बार-बार वार्ता कर प्रगति प्राप्त करते रहेंगे। बैठक में सावज़्जनिक निर्माण विभाग , आबूरोड परिवहन निरीक्षक दिलीप सोलंकी, एल एण्ड टी के टोल प्लाजा मैनेजर ,एनएचआई के अधिकारी , सिरोही यूनियन के अध्यक्ष कपूराराम माली व शिवगंज के सेसराम समेत संबंधित मौजूद थे। सिरोही में जिला यातायात समिति की बैठक में मौजूद जिला कलक्टर और सिरोही विधायक।