सबगुरु न्यूज-जयपुर। निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने राजस्थान विधानसभा के सचिव प्रमील कुमार माथुर के समक्ष विधायक व भाजपा प्रदेष अध्यक्ष सतीष पूनिया के खिलाफ राज्य विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 158 के अंतर्गत राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी को संबोधित करते हुए विशेंषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। लोढा ने डॉ जोशी के निर्देश पर विधानसभा सचिव के निवास पर इसे प्रस्तुत किया।
विशेंषाधिकार हनन प्रस्ताव में लोढा ने एक दैनिक समाचार पत्र में 21 जून के अंक में प्रकाशित समाचार ‘राज्य सभा चुनाव के दौरान बाडेबंदी में 23 विधायकों को खान, रीको में प्लॉट व केष टांजेक्शनन हुए’ शीर्षक प्रकाशित समाचार की कटिंग संलग्न की है।
पूनिया ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायकों के दस दिन की बाडेबंदी के दौरान डील हुई है।
किन-किन विधायकों से क्या डील हुई है उसके भी प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री को 23 विधायकों को आईडेंटीफाई किया इन्हीं 23 विधायकों को खान व रीकों के प्लॉट आवंटित हुए। कुछ से केश ट्रांजेक्शन हुए यह भी पता लग जाएगा।
लोढा ने राज्य विधानसभा प्रक्रिया कार्य संचालन के नियम 158 के तहत दिये अपने नोटिस में कहा है कि विधायक के रूप में विधानसभा की सार्वभौमिकता व प्रतिष्ठा बनाये रखना उनका कर्तव्य है। राज्य विधानसभा के 23 सदस्यों के खिलाफ बिना नाम जाहिर किये झूठे आरोप लगाये गये हैं, इससे राज्य विधानसभा की प्रतिष्ठा को कलंकित करने का प्रयास हुआ है।
लोढा ने प्रस्ताव में बताया कि वे ऐसा समझते हैं कि पूनिया के आचरण से राज्य विधानसभा की छवि तार-तार हुई है। बिना किसी प्रमाण के सदस्यों के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना है पूरी तरह गलत है। अतः पूनिया ने अपने इस आचरण से राज्य विधानसभा व उनके सदस्यों के विशेंषाधिकार का हनन किया है।
अपने नोटिस में राज्य विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 157, 158, 159 का उल्लेख किया हैं इसके साथ संसदीय इतिहास में विशेंषाधिकार के संबंध में हुवे मामलों का विवरण एवं उनके निर्णय की प्रति भी उन्होने संलग्न की है।