

सबगुरु न्यूज-सिरोही। कांग्रेस कार्यकाल में सिरोही नगर परिषद में हुए बहुचर्चित सीसीटीवी घोटाले के लिए शुक्रवार को नगर परिषद बोर्ड की बैठक में कार्यरत कार्मिक के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव पारित कर दिया है।
पार्षद विरेन्द्र एम चौहान ने कहा कि कार्मिक रामलाल कह रहे हैं कि उनका कोई दोष नहीं है। तो सीता की भी अग्निपरीक्षा हुई थी। राम की भी अग्निपरीक्षा हो जानी चाहिए। दो तीन पार्षदों की हील हुज्जत के बाद भी यह राम की अग्निपरीक्षा का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। बहस को छोडक़र बैठक पूरी तरह सौहार्दपूर्ण रही।
सभापति ताराराम माली की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधायक संयम लोढ़ा, उपसभापति धनपतसिंह राठौड, नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी, पार्षद जितेन्द्र सिंघी, मारूफ कुरैशी, नैनाराम माली, प्रकाश कुंवर, अरूणा देवी, मगनलाल मीणा, सीतादेवी, अमिया देवी, गोपीलाल, रणछोड़ प्रजापत, जीतेन्द्र खत्री, पिंकी रावल, लता पटेल, दुर्गा कंसारा, लता पटेल, शैतानाराम, आयुक्त शिवपालसिंह, एक्सईएन विनय बोडा आदि मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि सबगुरु न्यूज ने सबसे पहले जनवरी 2015 में सिरोही शहर में सीसीटीवी घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद यह मामला तूल पकडऩे लगा।
-पूरे शहर की नजर
सिरोही नगर परिषद की इस बैठक पर पूरे शहर की नजर थी। एक दिन पहले तक यही मुगालता था कि यह प्रस्ताव पारित नहीं होगा। ऐसा हो भी रहा था। इस प्रस्ताव को गिराने के लिए कुछ लोग एक पत्र लेकर भी फिर रहे थे। एक लॉबी को पूरा विश्वास था कि सीसीटीवी कैमरे में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलेगी।
लेकिन, इस मिथक को तोड़ते हुए सिरोही के दो तीन पार्षदों को छोड़ ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पर सहमति बनाई। भाजपा पार्षद जितेन्द्र खत्री ने इस काम को सभापति व आयुक्त के दबाव में किए होने की दलील देते हुए रामलाल का पक्ष रखने का प्रयास किया तो आयुक्त ने कहा कि प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में जो हैं वह अपने-अपने हाथ उठा देवें।
इस पर प्रस्ताव के विरोध में किसी ने हाथ नहीं उठाया, लेकिन दो पार्षदों ने तो पक्ष में भी हाथ नहीं उठाया। वहीं एक ने उठाया तो बडे अनमने भाव से कि कोई देख भी नहीं पाए और काम भी हो जाए। फिलहाल सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
-विधायक ने बढ़वा दिया दस करोड़ का बजट
सांसद और विधायक नगर निकायों के स्थायी सदस्य होते हैं। ऐसा इसलिए भी है कि शहरी योजनाओं में अपनी भूमिका निभा सकें। पिछले एक दशक से सिरोही नगर परिषद की बैठक में न तो सांसद आए न विधायक। नवनिर्वाचित विधायक संयम लोढ़ा सिरोही नगर परिषद की बजट बैठक में पहुंचे।
इसमें उन्होंने सिरोही शहर में टाउनहॉल, स्टेडियम, बच्चों के घूमने के लिए बागीचा आदि के निर्माण के लिए बजट में प्रावधान नहीं होने की बात पूछी। आयुक्त ने कहा कि ऐसा कोई मद नहीं है। इस पर लोढ़ा ने सिरोही में इंनडोर स्टेडियम और टाउनहॉल के लिए मद संख्या बीस में करीब पौने सात करोड़ रुपये बढ़वाए और तालाब व बागीचों के सौंदयीकरण के लिए करीब दो करोड नब्बे लाख रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करवाया।
इससे सिरोही नगर परिषद का वर्ष 2019-20 के लिए बजट अनुमान 73 करोड़ से बढक़र 83 करोड़ 8 लाख रुपये का हो गया। परिणाम स्वरूप सभापति ताराराम माली ने विधायक से इसी तरह राज्य सरकार से सिरोही विकास के लिए बजट अनुमोदन करवाने का अनुरोध करवाया।
-पार्षदों की वसूली पर बहस भी हुई
विकास और निर्माण कार्यस्थल पर पार्षदों द्वारा पहुंचकर वसूली करने को लेकर बैठक में बहस भी हुई। वार्ड में काम नहीं करने को लेकर पिंकी रावल और ईश्वरसिंह डाबी सभापति पर बरसे। इसमेें खाली जगह सडक़ बनाने और लोगों के रहने वाली जगह पर सडक़ निर्माण नहीं करने को लेकर बोर्ड को आडे हाथों लिया तो भाजपा पार्षद मगनलाल मीणा व अमिया देवी सभापति के समर्थन में उतरे।
वहीं विरेन्द्र एम चौहान ने अवैध कॉम्पलेक्स और निर्माण को लेकर भी सवाल उठाया। इस पर जितेन्द्र सिंघी ने आयुक्त से पूछा कि क्या पार्षद निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर सकते हैं? उनकी दलील थी कि कुछ पार्षद ऐसा करके वसूली करते हैं और बदनाम सभी होते हैं। इस पर आयुक्त ने कहा कि पार्षद अधिकृत नहीं हैं। यदि जाना भी है तो अधिकृत अधिकारी के साथ ही जा सकते हैं।
-विधायक बोले‘मैं झाडू लगाउंगा और आयुक्त को भी लगावउंगा’
शहर में 145 सफाई कर्मी स्थायी हैं। वहीं ठेके पर तीन जोन बांटकर इसके लिए सौ सफाईकर्मी और लगा रखे हैं। पार्षद विरेन्द्र एम चौहान और शैतानाराम के क्षेत्र में सारणेश्वर दरवाजे के बाहर के इलाकों में बदहाल सफाई की बात कही। इस पर विधायक संयम लोढ़ा ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि ये लोगों की आधारभूत अधिकार है।
यह भी नहीं मिल रहा। उन्होंने अपने निरीक्षण के दौरान गंदी पड़ी नालियों की सफाई नहीं होने की बात कहते हुए दोनों सफाई निरीक्षकों को बुलवाया। सभा में आयुक्त से 1 फरवरी से पूरे शहर की नालियां साफ करने को कहा। उन्होंने कहा कि 1 फरवरी को वो सभापति, उपसभापति और सभी पार्षदों व आयुक्त के साथ निरीक्षण करने निकलेंगे।
इस पर भी शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं दिखी तो मैं और मेरे साथ आयुक्त दोनों झाडू उठाकर सफाई करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने कहा गुड गर्वनेंस के लिए दिया है, यदि एक भी व्यक्ति को अपने कामों के लिए नगर परिषद में चक्कर काटने पड़े तो उनकी गुड गवर्नेन्स के लिए हमें वोट देने का कोई मतलब नहीं है।