सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले और शहर में वाहन चोरियों की घटना के बीच सिरोही कोतवाली पुलिस के हाथ में महत्वपूर्ण सफलता लगी है। दो महीने पहले 4 अक्टूबर को अनादरा चौराहे से दिन दहाड़े गायब हुई मोटरसाइकिल को सिरोही पुलिस ने ढूंढकर चोरी करने वाले युवक को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह के मार्गदर्शन और सिरोही डीएसपी मदन सिंह के निर्देशन में सिरोही कोतवाल राजेन्द्र सिंह ने मोटर साईकल चोरी की घटना का खुलासा करने के लिए टीम गठित की। मोटर साईकल चोरी के दिन के सीसीटीवी फुटेज जुटाए। इनमे जब वाहन चोर दिखाई दिया तो उसे ढूंढने के लिए गए दल में शामिल समयसिंह गुर्जर और कॉन्स्टेबल लोकेश मीणा ने 10 दिन की लगातार मशक्कत करके उदयपुर जिले के आदिवासी क्षेत्र में वाहन चोरों को ट्रेस करने के प्रयास किये।
लगातार प्रयास के बाद जब इनके ठिकाने पता चले तो वाहन चोर नदारद था। फिर पुलिस दल ने क्षेत्र के सामाजिक लोगों से सामंजस्य बैठाकर आखिर वाहन चोरी के आरोपित उदयपुर जिले के कोटड़ा थाना क्षेत्र के भूला की आमली निवासी सोमाराम पुत्र लालाराम गमेती को गिरफ्तार कर लिया है और वाहन बरामद करके ले आये।
-युवाओ के टशन से परेशान तीन जिले
राजस्थान के उदयपुर जिले के पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं के टशन से उदयपुर, पाली और सिरोही के अलावा इस क्षेत्र से सटे गुजरात के जिलों के लोग भी परेशान है। यहां के युवाओं में अपने शौक पूर्ण करने के लिए इन जिलों से वाहन चुराने और उन्हें अपने ग्रामीण क्षेत्रों में चलाने का शगल चल पड़ा है। पिछले दिनों उदयपुर पुलिस ने अभियान चलाकर काफी संख्या में उदयपुर शहर से चुराए गए वाहन बरामद किए थे।
इस नेक्सस को तोड़ने के लिए तीनो जिलों की पुलिस का एक संयुक्त अभियान काफी वाहन चोरियों का खुलासा करके बडी संख्या में सम्पत्ति बरामदगी का बड़ा काम कर सकते हैं। एक संयुक्त अभियान से तीनों जिलों के वाहन चोरी के ब्लाइंड प्रकरण भी खुल सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में ऐसे महंगे दोपहिया वाहन भी घूमते मिल जाते हैं जो आम तौर पर शहरी क्षेत्रों में भी लोग भी खरीदने में सक्षम नहीं हो पाते।
-नम्बर बदलकर करते हैं यूज
चुराए गए वाहनों का ये युवा नम्बर बाद देते हैं। इन्हें उदयपुर की आरटीओ पासिंग आरजे 27 का बना कर ग्रामीण क्षेत्रों में ही चलाते हैं। जिससे कि पुलिस को शक न हो। नम्बर बदलने का ये काम भी ये लोग खुद ही करते हैं। नम्बर लिखने वाली दुकानों पर ये काम करवाने से पकड़े जाने का खतरा नहीं उठाने की मंशा साफ नजर आती है। जिससे किसी को ये पता ना चले कि वाहन चोरी का है।