सबगुरु न्यूज-सिरोही। आप हाइवे पर खड़े हुए वाहन का इंतजार कर रहे हैं। एक कार में तीन-चार अजनबी रुके और आपको लिफ्ट ऑफर की। आप उन्हें भला मानस समझ कर बैठ गए तो फिर क्या हो सकता है इसके प्रति जागरूक सिरोही कोतवाली पुलिस के द्वारा बुधवार को खोली गई वारदात से हो सकते हैं।
सिरोही पुलिस ने वाहन चोरी, चोरी और नकबजनी की वारदात में जिन लोगों को पकड़ा है वो सड़कों पर वाहन का इंतजार करने वालों को लिफ्ट देकर सबसे सॉफ्ट टारगेट बनाते थे।
सिरोही के शांति नगर और भाटकड़ा में मोटरसाइकिल और अन्य चोरियां करने वाले जिन लुटेरों, नकबजनो और चोरों को सिरोही पुलिस ने गिरफ्तार किया है उन्होंने दो वारदातें ऐसी स्वीकार की है कि जिनमें सड़क पर वाहन का इंतजार करने वाले लोगों को लिफ्ट के बहाने गाड़ी में बैठाया उन्हें लूट लिया। लेकिन लिफ्ट देने से पहले भी उन्हें ताड़ते थे कि वो आदमी मालदार है या नहीं। और मालदार नहीं भी है तो आजकल दो चीजें जो हर जेब में मिल जाती है वो है मोबाइल और एटीएम कार्ड। बन्द कार में चारों तरफ से घिर चुकने पर डर के मारे एटीएम का पासवर्ड बताने को कोई भी ना नहीं करेगा।
30 जून और 1 जुलाई की रात को सरूपगंज हाइवे और डीसा हाइवे पर इन आरोपियों ने दो यात्रियों को ऐसे ही टारगेट बनाकर लूट लिया। सरूपगंज में जिस आदमी को अपना टारगेट बनाया उसके पास से ₹ 1 लाख 26 हजार, सैमसंग मोबाइल, दो एटीएम कार्ड लूटे। वहीं इसी रात को डीसा हाइवे पर लिफ्ट देकर जिस व्यक्ति को बैठाया उसके पास से सोने का पेंडल, घड़ी, वीवो मोबाइल, ₹ 7000 कैश और तीन एटीएम कार्ड लूटकर उनके माध्यम से 1 लाख 42 हजार रुपये निकाल लिए।
-दूसरा सबक
सिरोही कोतवाली द्वारा खोली वारदात से एक सबक हर किसी से।लिफ्ट नहीं।ले।लेने वाली है तो दूसरी एटीएम कार्ड से जुड़ी है। बैंकों ने भले ही एटीएम कार्ड को ब्लॉक करवाने या एटीएम से एक दिन में 20 हजार से ज्यादा की राशि नहीं निकालने जैसे हर्डल लगाए हों। लेकिन, जो वारदात इन लोगों ने डीसा में अंजाम दी उससे ये स्पष्ट है कि कुछ ऐसा तरीका भी ये लोग जानते हैं जिससे सिर्फ एटीएम कार्ड से ही ज्यादा राशि लूटी जा सकती है। ऐसे में इस घटना से ये भी सावधानी बरतने की ओर इशारा कर रही है कि यात्रा में एटीएम ऐसा ही रखें जिसमें बहुत ज्यादा राशि न हो। </span;></span;>
– पूर्वी राजस्थान से दक्षिणी राजस्थान में आए और पश्चिम में बेचा
सिरोही पुलिस ने राधिका रेजीडेंसी से बोलेरो केम्पर, शांति नगर से एनफील्ड और भटकडा में हीरो होंडा बाइक चोरी होने पर तफ्तीश शुरू की। जो सुराग मिले उसके आधार पर जिन लोगों को पकड़ा वो सब भरतपुर के हैं।
इनमें ठेकेदारी का काम करने वाला भरतपुर जिले के नदवाई थाने के नगला धरसोनी मानवीरसिंह उर्फ मानवेन्द्र पुत्र बलबीरसिह जाटव व मजदूरी करने वाला विष्णुकुमार पुत्र समंदरसिंह जाटव, भरतपुर के ही केलादेवी थाने का फरसो गांव निवासी कप्तानसिंह पुत्र ओमप्रकाश जाटव को गिरफ्तार किया है।
इनके साथ इनसे चोरी के वाहन खरीदने वाले जोधपुर के फलौदी थाने के खींचन कस्बे की सुभाष कॉलोनी निवासी इलियास पुत्र निजामुद्दीन को गिरफ्तार किया है।
तो पूर्व के युवकों ने दक्षिणी राजस्थान में वारदात को अंजाम दिया और पश्चिमी राजस्थान के व्यक्ति को माल बेचा। अपराध, अपराधी और अपराधिक वारदातों के स्थान को इस तरह से बाउंस करवाने के पीछे की इन युवकों की मानसिकता क्रिमिनल साइकोलॉजी के तहत पुलिस को गुमराह करना था।
लेकिन, एक ही जगह पर एक सप्ताह में इतनी वारदातों को अंजाम देने से पुलिस को चकमा देने की बजाय पुलिस को जगा दिया।
-ये वारदातें कबूली और ये हुई बरामदगी
सिरोही कोतवाली एसएचओ राजेन्द्र राजपुरोहित ने बताया कि आरोपियों से 22 जुलाई को शिवंगज के चुराई गई रॉयल एनफील्ड और हीरो डीलक्स, 23 जून की रात को राधिका रेजीडेंसी से चुराई बोलेरो केम्पर, 27 जून की मध्यरात्रि को सिरोही के शांति नगर से चुराई रॉयल एनफील्ड और भटकडा से चुराई हीरो मोटरसाइकिल तथा वारदातों।को अंजाम देने।के।लिए इस्तेमाल की गई कार जिसपर नम्बर आरजे 28 पासिंग के थे लेकिन, राजकोप से चेसिस नम्बर टेली करने पर ये जयपुर पासिंग की निकली।
इन लोगों ने सरूपगंज और डीसा हाइवे पर लूट और सिरोही व शिवंगज में मोटरसाइकिल चुराने के अलावा सिरोही के शांति नगर से ही 3 कम्प्यूटर प्रिंटर चोरी करने की वारदात भी कुबूल की है। इन वारदातों को खोलने में कोतवाल समेत एसआई महबूब अली, कॉन्स्टेबल जितेंद्र सिंह, हरीश कुमार, दिनेश कुमार, पृथ्वी सिंह, सरूपराम, रमेश कुमार और हेडकांस्टेबल शचीन्द्र रतन शामिल थे।