सिरोही। राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर तस्करी के माध्यम से मुनाफा देने वाला माल यानि की शराब सोमवार को भी पकड़ी गई। बड़े ही रोचक अंदाज में सोमवार को यह माल सिरोही जिले की सरूपगंज थाना पुलिस को बरामद हुआ। वह भी रविवार की कार्रवाई वाले स्थान से करीब दस किलोमीटर के दायरे से। ये वही सिरोही पुलिस है जिसे रविवार को बाहर से आए राजस्थान आबकारी विभाग के द्वारा की गई कार्रवाई वाली जगह पर शराब होने की जानकारी नहीं थी।
इत्तेफाक देखिए कि रविवार की विफलता के लिए जो अधिकारी सामने नहीं आए वो ये कंटेनर पकड़ते ही अपने वीडियो संदेश के माध्यम से खुद की सफलता की मुनादी करने को उपस्थित हो गए। वैसे ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी जब-जब सिरोही जिले से पास होकर अवैध शराब सीमा पार करते ही गुजरात पुलिस द्वारा पकड़ी गई है या फिर किसी बाहरी दल द्वारा शराब की कार्रवाई की जाती है और सिरोही पुलिस घिर जाती है तो दूसरे ही दिन सिरोही पुलिस भी एकाध कार्रवाई दिखा देती है।
मंडार से पार होने वाला माल जब गुजरात के डीसा या पाथावाड़ा पुलिस पकड़ती तो सिरोही पुलिस की खिंचाई होने पर अगले ही दिन यहां भी बड़ी खेप पकड़ ली जाती। यही आबूरोड क्षेत्र से पास होने वाला माल जब गुजरात की इकबालगढ़ या अम्बाजी पुलिस द्वारा पकड़ा जाता तो मीडिया में खिंचाई होने पर अगले दिन सिरोही में आबूरोड मार्ग पर पडऩे वाले थानों द्वारा कोई बड़ा खेप पकडऩे की जानकारी आ जाती।
पिछले डेढ़ दशक से तो ऐसा कई बार हुआ है। शराब की खेपों के सिरोही से पास होने की बदनामी होने पर सिरोही पुलिस द्वारा अगले दिन बड़ी खेप पकडऩे की ये क्रोनोलॉजी सजगता है, इत्तेफाक है या कोई योजना का हिस्सा? ये सवाल भी जांच का हिस्सा होना चाहिए।
कहीं ऐसा तो नहीं?
सोमवार को एक कंटेनर में जो 1705 कार्टन माल पकड़ा गया है वो सरूपगंज थाने में पकड़ा गया है। यह थाना रविवार को जिस स्थान पर शराब पकड़ी गई थी, उससे करीब पंद्रह से बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सोमवार को जो माल सिरोही पुलिस के द्वारा पकड़ा गया वो और रविवार को अवैध डंपिग के बाहर से आई आबकारी विभाग की टीम ने जो माल पकड़ा था उसके कार्टन सेम ब्रांड के लग रहे हैं।
ऐसे में इस बात की आशंका भी ज्यादा लग रही है कि ये माल उसी माल की एक कड़ी है जो रविवार को पकड़ा गया था। इस माल की लोडिंग, अनलोडिंग, तस्करी का मार्ग, तस्करी में शामिल लोग एक ही हो सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार और भी कंटेनर इसी तरह जिले के गुजरात सीमा से सटे रेवदर, आबूरोड और पिण्डवाड़ा तहसीलों में हो सकते हैं। सूत्रो के अनुसार जिले में पांच करोड़ का माल आने की सूचना है। जिसमें से डेढ़ करोड का भारजा क्षेत्र में और डेढ़ करोड़ का माल सरूपगंज में पकड़ाया जा चुका है।
तस्कर भी पकड़वाते हैं अपना माल?
सिरोही शराब तस्करी का प्रमुख मार्ग है। यह पहला मामला नहीं है कि यहां से तस्करी हो रही हो। इससे पहले करीब 17 साल पहले यहां पर एक बहुत बड़ा नेक्सस हुआ करता था। गुजरात पुलिस द्वारा उसको पकडऩे के बाद जो जानकारी बाहर आई उसमेंं यह बात भी थी कि शराब तस्कर पुलिस विभाग के सालाना आंकड़ों की खानापूर्ति, मीडिया के हो हल्ले, नेताओं केे हंगामे की स्थिति में सालाना गुजरात में तस्करी द्वारा पहुंचाए जाने वाले माल का कुछ हिस्सा खुद ही मुखबिरी करके पकडवाते थे। ताकि पुलिस की खराब हुई साख सुधर सके और उसकी अधिक सक्रियता से तस्करों को ज्यादा नुकसान न होवे। नेक्सस हुआ करता था।