सबगुरु न्यूज-सिरोही। विधानसभा चुनावों से लेकर नगर परिषद चुनावों तक भाजपा के पूर्व बोर्ड के भ्रष्टाचार और अनीति से जिस तरह संयम लोढ़ा निजात दिलवाने को सिरोहीवासियों को भरोसा दिलवाया था उसे देखते हुए सिरोही ने कांग्रेस को ये अभूतपूर्व मेंडेट दिया था।
उनकी इच्छा बदलाव की थी न कि विधायक द्वारा थोपे गए सभापति के नेतृत्व में बने बोर्ड में फिर से सिर उठाती हुई अनियमितताओं और लापरवाहियों के लिए।
-खुद कांग्रेस के पार्षदों में असंतोष
नगर परिषद सिरोही को विधायक ने पूरी तरह से सभापति के भरोसे जो छोड़ा है उससे आम लोगों के अलावा कांग्रेस के पार्षदों में भी असंतोष है। इसका ताजा उदाहरण बोर्ड की पिछली बैठक है जिसमें कांग्रेस के पार्षदों ने सफाई ठेके में कायदों को ताक में रखने के आरोप के साथ बैठक का बहिषकार कर दिया था। कांग्रेस के सभापति बनने के बाद भी जो हालात नगर परिषद सिरोही के बन चुके हैं, उससे लोगों को पुराने बोर्ड और नए बोर्ड में कोई अंतर दिखाई नहीं दे रहा है।
-अव्यवस्थाएं तो सुधर ही सकती हैं
नगर निकायों में पैसों का अभाव है। ये बात मानी जा सकती है। इसके कारण विकास कार्य नहीं हो सकते, लेकिन इस बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा कि पैसे के अभाव में नगर परिषद सिरोही के ढर्रे को नहीं सुधारा जा सकता है। आज भी यहां की उन कार्यप्रणालियों में कोई बदलाव नहीं आया है जिससे स्थानीय लोगों को व्यवस्था परिवर्तन के लाभ दिख सकें।