आबूरोड (सिरोही)। शनिवार को मध्य रात्रि हुई बेमौसम बारिश और उसके बाद चली हवा ने आबूरोड के देलदर और आबूरोड तहसील के अधिकांश गांवों के किसानों की फसलों को तहस-नहस कर दिया है।
शनिवार रात्रि और उसके बाद रविवार को दिन में रुक-रुक कर हुई बरसात और चली हवा ने पहाड़ी इलाके के क्यारी, जायदरा, निचला टांकीया, उपला टांकिया, दोयतरा, गोयली खेतर, बोरीबुज, पाबा, दानबोर, रणोरा, भंमरिया सातखेजड़ा, उपला खेजड़ा, निचला खेजडा, निचली बोर उपली बोर निच लागढ, उपलागढ, राडा, जांम्बूडी, मीन, मीन तलेटी, बोसा, डेरी, सियावा, सांगणा, कुई आदि गांवों के किसानों की रबी फसलो जमींदोज कर दिया है।
तेज हवा से खड़ी फसल चादर की तरह धराशायी
बेमौसम बारिश और हवा के प्रभाव ने किसानों की कर्ज लेकर कठिन परिश्रम से खेतों में लहलहा रहे खेती को भारी नुकसान पहुंचाया है।
निचला टांकिया( जायदरा) के किसान अजीत कुमार ने बताया कि इलाके में खाद्यान्न के लिए पैदावार की जाने वाली गेहूं की फसलें सर्वाधिक तौर पर तेज हवा से चौपट हो चुकी है। जिससे धरती पुत्रों के अरमानों पर पानी फिर गया है। भाखर क्षेत्र के जायदरा ग्राम पंचायत के निचला टांकिया के किसान भी खेत में गेहूं की फसल में खराबा होने से मायूस हो गए हैं।
बलदेव बावसी मंदिर में श्रद्धालुओं ने लगाई धोक
आबूरोड। मौसम के विपरीत 4 किमी दुर्गम पहाड़ी पर चढ़ाई कर बलदेव बावसी (श्री उज्जैन मामा जी मंदिर) के धाम पहुंच कर लगाई सैकड़ों श्रद्धालुओं ने धोक लगाई। उपलागढ की मुख्य सड़क से 4 किलोमीटर गोरिया फली बलदेव बावसी के मंदिर तक पहुंचना होता है। श्रद्धालुओं की पैदल कठिन परीक्षा जैसा सफर का अनुभव कराती है।
आबू रोड से हनुमान टेकरी-हाईवे सांगना-उपलागढ़ मुख्य सड़क से 4 किलोमीटर गोरियाफली बलदेव बावसी उज्जैन मामाजी के मंदिर में रविवार को सुबह से ही मौसम के विपरीत श्रद्धालुओं का आवागमन जारी रहा। जहां प्रतिवर्ष की तरह चढ़ाई के बाद ऊपरी पहाड़ी पर स्थित मंदिर में वार्षिक मेले में धोक लगाई एवं पूजा अर्चना की।