जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ दुराचार बढ़ती घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस राज में राजस्थान में कहीं भी बहन-बेटी सुरक्षित नहीं हैं।
डाॅ. पूनियां ने आज जारी बयान में कहा कि हाल ही में बांसवाड़ा, भरतपुर और बांसवाड़ा में नाबालिग बच्चियों का अपहरण करके सामुहिक दुष्कर्म करके हत्या करने की वारदात हुई हैं। पिछले दिनों धौलपुर के बसेड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में बालिका के साथ पिस्तौल की नोक पर हैवानियत की गई। नाबालिग ने दुष्कर्म के बाद लोकलाज के डर से आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा तिजारा, अजमेर, बारां, सीकर, आमेर सहित विभिन्न क्षेत्रों में भी गैंगरेप और रेप की वारदातें हुई हैं।
उन्होंने आमजन एवं महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दलित उत्पीड़न में राज्य का देश में दूसरा स्थान है। महिला अपराधों में 2018 के मुकाबले 2019 में 44 प्रतिशत बढ़ोतरी और दुष्कर्म के मामलों में 38 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
दलित अपराधों में 47 प्रतिशत, आदिवासी अपराधों में 64 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। जुलाई, 2020 तक दलितों के प्रति अपराध के चार हजार मामले सामने आए, बलात्कार के मामलों में इस साल जून के मुकाबले जुलाई में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। पुलिस अनुसंधान में इस साल जुलाई तक 40 प्रतिशत मामले पेंडिंग हैं।
पूनियां ने कहा कि पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है, अपराधियों में से कानून का डर खत्म हो गया है, शासन के दंभ में डूबी कांग्रेस सरकार ने दलितों एवं महिलाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। प्रदेश में एक भी शहर ऐसा नहीं बचा जहां महिलाओं, छोटी बच्चियों से बलात्कार, उनकी हत्या के जघन्य अपराध नहीं हो रहे हों। आमजन इन हालातों में पुलिस थानों के चक्कर लगाने को मजबूर है, महिला आयोग व अनुसूचित जाति आयोग आदि संवैधानिक संस्थाओं में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद रिक्त पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत राज्य के गृहमंत्री भी हैं, जो अपराधों को रोकने में विफल हैं, इस कारण देश में राजस्थान जैसा गौरवशाली प्रदेश शर्मसार हो रहा है। राज्य में कांग्रेस शासन में है और जनता को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी लेकर बैठे हैं, बढ़ते अपराधों से प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है, न तो वारदातों पर मुख्यमंत्री संज्ञान ले रहे हैं और न ही कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई ठोस रणनीति पर काम कर रहे हैं।
पूनियां ने कहा कि गांधी परिवार की चापलूसी की सारी हदें पार करके धारा-144 का उल्लंघन करके मंत्री, विधायक एवं कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी धरने पर बैठे, अच्छा होता कि अपने राज्य की बेटियों को न्याय दिलाने के लिए भी धरने पर बैठते।