प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के आदेश पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु का सच जानने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआई) जी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने पुलिस उपाधीक्षक अजित सिंह चौहान के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। मंगलवार को यहां बाघम्बरी पीठ के प्रमुख महंत को श्रद्धांजलि अपित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महान संत की यूं अचानक मौत की सच्चाई जानने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी और जिस पर भी इस मामले में शक की उंगली उठेगी उसके साथ कड़ाई से निपटा जाएगा।
मामले की फिलहाल जारी जांच में अभी तक स्वामी आनंद गिरी सहित छह लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है । आनंद गिरि के अलावा हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्य तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी हिरासत में ले लिया गया है।
डीआईजी ने साफ किया कि यदि जरूरी हुआ तो पुलिस कुछ लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट भी करा सकती है। सूत्रों के अनुसार पुलिस महंत नरेंद्र गिरी की मृत्यु से जुडे दो वीडियों को भी खंगाल रही है। इस वीडियों की बातचीत में ऐसा लग रहा है कि महंत को धमकाया जा रहा है।
इस वीडियो का जिक्र महंत नरेंद्र गिरी के कथित सुसाइड नोट में भी है। मामले से जुड़ा दूसरा वीडियो खुद महंत नरेंद्र गिरि ने बनाया है जिसमें वह उनके खिलाफ षडंयत्र के बारे में बता रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन वीडियो की जांच के आधार पर कुछ बड़े खुलासे हो सकते हैं।
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में जॉर्ज टाउन पुलिस स्टेशन में महंत के शिष्य अमर गिरि पवन महाराज ने उनके दूसरे शिष्य आनंद गिरी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।
प्राथमिकी के अनुसार सोमवार को खाना खाने के बाद रोज की तरह ही महंत नरेंद्र गिरी अपने कमरे में आराम करने चले गए थे। तीन बजे उनकी चाय का समय होता है लेकिन उस दिन उन्होंने चाय नहीं पी और कहा कि जब उन्हें चाय पीनी होगी तो बता देंगे।
इसके बाद महंत ने किसी ने कोई बात नहीं की और न ही कमरे से बाहर निकले। पांच बजे के बाद भी जब कमरे से कोई आवाज नहीं आई तो दरवाजा तोड़ा गया और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी गई।
पंचक लगने से रुकी है महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर की चिकित्सीय जांच
बाघम्बरी मठ को लेकर महंत नरेन्द्र गिरि और आनंद गिरि के बीच थी अनबन