नयी दिल्ली भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मंदी के प्रभाव से निपटने लिए सरकार ने आज निर्यात आैर रियलटी बाजार को बड़ा पैकेज देते हुए निर्यातकों को राहत देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपए छूट देने तथा आवासीय क्षेत्र के लिए लगभग 20 हजार करोड रुपए का कोष बनाने की घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं और इन्हें लागू करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए विदेश व्यापार नीति 2015-20 में घोषित की गयी ‘बाजार आधारित निर्यात छूट योजना’ (एमईआईएस) को वापस लेने का फैसला किया गया है और इसके स्थान पर नयी योजना ‘रिमिशन अॉफ डयूटीज – टेक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट’ (रोडटेप))लागू होगी।
उन्होंने कहा कि एमईआईएस तथा अन्य योजनाओं का लाभ निर्यातकों को इस वर्ष 31 दिसंबर तक मिलता रहेगा। अगले वर्ष एक जनवरी से नयी योजना लागू हो जाएगी। नयी योजना में दो प्रतिशत तक की छूट कपडा और हस्तशिल्प के अलावा अन्य निर्यातित वस्तुओं पर भी मिलेगी। इससे सरकार पर 50 हजार करोड़ रुपए का भार पड़ने का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किफायती और मध्यम वर्ग आयवर्ग के मकानोें के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस क्षेत्र के लिए एक विशेष व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। सरकार का ध्यान अधूरी निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने पर है। इसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपए के एक कोष का निर्माण करेगी जिसमें इतनी ही राशि निजी क्षेत्र से जुटायी जाएगी। इस तरह से इस कोष में 20 हजार करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध होगी।