केदारनाथ/देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में भगवान शिव के पांचवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के दर्शन उपरान्त 6 तीर्थयात्रियों को वापस लाते समय एक हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे पायलट सहित उसमें सवार सभी 7 लोगों की मृत्यु हो गई। मृतक गुजरात और तमिलनाडु के निवासी हैं। सभी शव बरामद किए जाने के बाद भी राहत कार्य जारी हैं।
राज्य के अपर सचिव तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)नागरिक उड्डयन (युकाड़ा) सी रविशंकर ने देहरादून में संवाददाताओं को बताया कि मंगलवार को केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहे आर्यन एविएशन हेलीकॉप्टर कंपनी के हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना में पायलट सहित सात लोगों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। दुर्घटना मंगलवार को सुबह लगभग 11:40 बजे हुई। मृतकों में पायलट कैप्टन अनिल (मुंबई निवासी) सहित कुल 7 यात्री थे। उन्होंने बताया कि घटना स्थल ग्राम देव दर्शनी, तहसील गरुड़ चट्टी है।
रविशंकर ने बताया कि 11:45 बजे कॉलर सोनू बिष्ट मोबाइल 9536989844 द्वारा आपातकालीन परिचालन केन्द्र, रुद्रप्रयाग को अवगत कराया कि स्थान देव दर्शनी (गरुड़ चट्टी) के समीप एक हेलीकॉप्टर अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सेक्टर अधिकारी, हैली पैड के अनुसार उपरोक्त घटना में पायलेट सहित सात लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई है।
घटना की सूचना प्राप्त होते ही जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र द्वारा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ, डीडीआरएफ टीम तथा पुलिस टीम मौके पर रवाना किया गया। उपरोक्त टीमों द्वारा सात लोगों के शव प्राप्त किया गया तथा शवों को केदारनाथ धाम हैलीपैड ले जाया गया है।
दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह ने बताया कि हेलीकाॅप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने से अनिल सिंह पायलेट उम्र 57 वर्ष निवासी मुंबई (महाराष्ट), पूर्वा रामानुज उम्र 26 वर्ष निवासी गुजरात, क्रुती बराड उम्र 30 वर्ष निवासी गुजरात, ऊर्वी बराड उम्र 25 वर्ष निवासी गुजरात, सुजाता उम्र 56 वर्ष निवासी तमिलनाडू, प्रेम कुमार उम्र 63 वर्ष निवासी तमिलनाडू और कला उम्र 60 वर्ष निवासी तमिलनाडू की मौके पर ही मौत हो गई।
सीईओ युकाडा ने बताया कि दुर्घटना के कारणों की पूरी जानकारी जांच के बाद ही प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी स्तर पर जांच बिठाई गई है। एसडीआरएफ तथा पुलिस की टीम द्वारा घटनास्थल पर रिस्कयू व रिकवरी ऑपरेशन संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।