अमेठी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियों को आकार देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का प्रवास दिल्ली के बजाय अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में बढ़ गया है।
ईरानी ने एक पखवारे के दौरान चिलचिलाती धूप और उमस के बीच अमेठी की गलियों में घूम घूम कर आम लोगों से न सिर्फ मेल मुलाकात की बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान करने की भी कोशिश की। पार्टी सूत्रों के अनुसार स्थानीय सांसद पिछले सात दिनों में लगभग चालीस गांवों में चौपाल लगाकर लोगों से संवाद कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होने 319 बूथों के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान किया।
अमेठी के अलावा भाजपा की वरिष्ठ नेता की सक्रियता पड़ोसी जिले रायबरेली में बढी है। रायबरेली उत्तर प्रदेश की इकलौती संसदीय सीट है जो कांग्रेस के कब्जे में है। यहां से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने एक मजबूत गढ़ के तौर पर अमेठी को गंवाया था जब राहुल गांधी भाजपा की स्मृति इरानी से परास्त हो गए थे।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा आगामी चुनाव में न सिर्फ अमेठी के किले को बरकरार रखेगी बल्कि उसका इरादा रायबरेली से कांग्रेस का सफाया कर राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में देश की सबसे पुरानी पार्टी का सूपड़ा साफ करने का होगा। ईरानी के अलावा भाजपा के अन्य कद्दावर नेता भी लगातार अमेठी और रायबरेली का दौरा कर रहे है।
केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि विजय गुप्ता बताया कि ईरानी ने सलोन क्षेत्र के सभी 319 बूथों की समस्याओं को सुना। सभी समस्यायों के समाधान के लिए जमीन स्तर पर प्रयास भी किए गए। स्मृति ईरानी के सामने आई समस्याओं में अब तक एक हजार से अधिक का निस्तारण हो चुका है। वहीं स्मृति की पहल पर सलोन के किसानों के काशी दर्शन का भी कार्यक्रम 28 जून से शुरू हो रहा है।
सलोन विधायक अशोक कुमार ने कहा कि दीदी स्मृति अपने क्षेत्र को अपना परिवार मानती हैं। तभी तो जिस गर्मी में लोग अपने घरों से नहीं निकलना चाहते हैं, उसमें दीदी हम सब की समस्याओं के समाधान के लिए गांव-गांव पहुंची। सात दिनों में 40 गांवों में चौपाल लगाकर दीदी ने विधान सभा क्षेत्र के सभी 319 बूथों के लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी पीड़ा सुनी।
विधान सभा क्षेत्र में चौपाल कार्यक्रम के अंतिम दिन शनिवार को सलोन के बटोही में कार्यकर्ता सम्मेलन व टिफिन भोज कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें विधान सभा क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने संवाद किया। सभी कार्यकर्ताओं ने मन की बात सुनी। कार्यक्रम में एक हजार के करीब कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे। ”
उन्होंने कहा कि 28 जून से काशी दर्शन कार्यक्रम की शुरूआत हो रही है। दीदी काशी दर्शन के साथ ही अपने किसान भाइयों को स्वावलंबी बनाने के लिए वहां डेरी, पशु पालन, जैविक खेती व प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम तय कर रखा है। विधान सभा के सभी बूथ अध्यक्ष एक-एक किसान को काशी दर्शन के लिए प्रथम चरण में भेज सकते हैं।
स्थानीय सांसद फिलहाल दिल्ली लौट चुकी हैं मगर आगामी 20 जून से उनका भ्रमण कार्यक्रम अमेठी में होने के पूरे आसार है। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में इसका असर कितना रहता है।