मल्टीडिसिप्लिनरी व शोध आधारित यूनिवर्सिटी, शिवनादर यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए प्रवेश प्रारंभ होने की घोषणा की। मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स के लिए प्रसिद्ध शिव नादर यूनिवर्सिटी ने अंडरग्रेजुएट कोर्स में इंटरनेशनल रिलेशंस की शुरुआत की घोषणा की।
यह एक विशेषज्ञता कार्यक्रम होगा जो अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में अंर्तसंबंधों के आधार पर अध्ययन करेगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय संबंधों और इससे जुड़े डेवलपमेंट स्टडीज़, इकोलॉजिकल इकोनॉमिक्स और राजनीति विज्ञान के क्षेत्रों से जुड़े शोध करने वाले विशेषज्ञ छात्रों को पढ़ाएंगे। इस चार साल के पाठ्यक्रम में छात्रों को पहले दो साल मूल विषयों को पढ़ना होगा। तीसरे साल में इलेक्टिव विषय अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पढ़ना होगा। चौथे साल में शोध करना होगा, जिससे विषय के बारे में अनुभवात्मक ज्ञान बढ़ेगा। इस कार्यक्रम के इलेक्टिव्स में जलवायु परिवर्तन, सामाजिक असमानता और सामाजिक नीति, ग्लोबल रिफ्यूज़ी पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल सिक्योरिटी, अंतरराष्ट्रीय संबंधों का इतिहास, भारत की विदेश नीति, इकोसिस्टम, अर्थव्यवस्था व वातावरण और ग्लोबल पॉलिटिकल थ्योरी जैसे कई विकल्प होंगे।
यूनिवर्सिटी ने वर्तमान स्कॉलरशिप के अलावा ‘गिफ्टेड स्टूडेंट स्कॉलरशिप’ कार्यक्रम की घोषणा की है। इसके तहत विश्वविद्यालय ने 40 करोड़ का स्कॉलरशिप पूल बनाया है जो 2018-19 सत्र के विद्यार्थियों को उपलब्ध होगा। यूनिवर्सिटी ने बीते सात सालों के दौरान स्कॉलरशिप में 160 करोड़ रु. से अधिक राशि वितरित की है।
गिफ्टेड स्टूडेंट स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत प्रतिभाशाली छात्रों को यूनिवर्सिटी में निशुल्क पढ़ाई उपलब्ध कराई जाएगी। इस कार्यक्रम के तहत यूनिवर्सिटी प्रि-आइडेंटिफाईड एक्जाम्स के तहत छात्रों का चयन करेगी। इसमें योग्य छात्रों को यूनिवर्सिटी साक्षात्कार के लिए आमंत्रित करेगी। एक बार चयन होने पर छात्रों की 100 फीसदी फीस माफ कर दी जाएगी।
यह स्कॉलरशिप निम्न को दी जाएगी:
- हर शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के टॉप 10 रैंक प्राप्त छात्रों को।
- स्कॉलरशिप फॉर हायर एजुकेषन (एसएचई) प्राप्त इंस्पायर फैलोज़ को।admistion
- जेईई (एडवांस) के शीर्ष 500 रैंकधारकों को।
शिवनादर यूनिवर्सिटी के चांसलर, डॉक्टर एसएन बालाकृष्णन ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 की जानकारी देते हुए बताया, “रिसर्च आधारित व मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी होने के कारण हमारा अथक प्रयास होता है कि हम बेमिसाल अकादमिक इकोसिस्टम बनाएं जिसमें छात्रों को कई विषयों के बारे में जानकारी एकत्रित करने दी जाती है और इसमें छात्र उनके व्यवहारिक अनुप्रयोग भी समझते हैं। हम सभी विषयों में रचनात्मक सोच व डिज़ाइन को बढ़ावा देते हैं ताकि विज्ञान और मानविकी के विषयों में सामंजस्य स्थापित हो सके। हमारा ध्येय है कि छात्रों को लाभप्रद शिक्षा दी जाए ताकि वे अपनी पूर्ण क्षमताओं का विकास कर सकें। इससे वे भविष्य के लीडर बनेंगे, शानदार कौशल से सुसज्जित होंगे, इससे उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता व उत्तरदायित्व बढ़ेगा। हम नए स्कॉलरशिप के बूते इस साल गिफ्टेड विद्यार्थियों तक पहुंच सकेंगे और उन्हें विश्वस्तरीय शिक्षा मिल सकेगी।”
शिवनादर यूनिवर्सिटी में दाखिला पूरी तरह योग्यता के आधार पर होता है। यूनिवर्सिटी में किसी खास श्रेणी के लिए स्थान आरक्षित नहीं होंगे। अंडर ग्रैजुएट कार्यक्रम के तहत यूनिवर्सिटी शिक्षा व रहने-खाने का पूरा व आंशिक खर्चा उठाती है। कक्षा 12 के अंकों के अलावा शिवनादर यूनिवर्सिटी स्कॉलिस्टिक एपटिट्यूड टेस्ट (एसएनयूसैट) द्वारा छात्रों का मूल्यांकन किया जाता है। इस टेस्ट में क्वांटिटेटिव एबिलिटी, एब्सट्रैक्ट रीज़निंग, मौखिक व लिखित कम्युनिकेशन आदि की परीक्षा ली जाती है। इसी तरह छात्रों की विषयात्मक योग्यता की जांच एकेडमिक प्रोफिशियंसी टेस्ट (एप्ट) द्वारा की जाती है।
अंडरग्रेजुएट कोर्स में ये पाठ्यक्रम हैं: बैचलर ऑफ ऑर्ट्स (रिसर्च), बैचलर ऑफ साइंस (रिसर्च), बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़ एवं बैचलर ऑफ टेक्नॉलॉजी। शैक्षणिक सत्र 2017-18 के दाखिले, कार्यक्रम आदि की समस्त जानकारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट ूूूण्ेदनण्मकनण्पद पर उपलब्ध है।
अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 मई, 2018 है और परीक्षा एसएनयूएसएटी और एप्ट टेस्ट में बैठने की अंतिम तिथि 4 जून, 2018 है।
शिव नादर यूनिवर्सिटी के बारे में
शिव नादर फाउन्डेशन के तहत् कार्यरत शिव नादर यूनिवर्सिटी विभिन्न क्षेत्रों/विषयों में पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाली छात्र-केंद्रित यूनीवर्सटी है जो अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट तथा डॉक्टरल स्तर के प्रोग्रामों की पेशकश करती है। एसएनयू के मल्टी-डिसीप्लीनरी प्रोग्राम छात्रों को मानविकी तथा समाज विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, टैक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग के अलावा कला एवं संचार तथा प्रबंधन में मजबूत बुनियाद का लाभ दिलाने के साथ उन्हें उनके मनपसंद विषय में पारंगत भी बनाते हैं। एसएनयू के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को विश्व स्तरीय फैकल्टी द्वारा संचालित किया जाता है और ये छात्रों को 21वीं सदी में कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करने के लिहाज से तैयार किए गए हैं। भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 286 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित शिव नादर यूनिवर्सिटी निजी परोपकारी संस्थान है जिसकी स्थापना 2011 में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक अधिनियम के तहत् की गई थी। इस यूनिवर्सिटी को तीसरे फिक्की हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड्स में ‘इन एक्ज़िस्टैंस फॉर लेस दैन 10 ईयर्स’ की श्रेणी में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से नवाजा गया है।
शिव नादर फाउन्डेशन के बारे मेें
शिव नादर फाउन्डेशन की स्थापना एचसीएल के संस्थापक शिव नादर के द्वारा की गई- जो 8 बिलियन की अग्रणी प्रोद्यौगिकी एवं हेल्थकेयर उद्यम है। शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में संस्थानों की स्थापना के द्वारा राष्ट्रीय विकास और सामाजिक रूपान्तरण की प्रक्रिया में योगदान देना फाउन्डेशन का मिशन है। फाउन्डेशन परिवर्तनकारी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक अंतराल को दूर करके लोगों के सशक्तीकरण के द्वारा समकक्ष एवं योग्यता आधारित समाज के निर्माण हेतू प्रबिद्ध है।
शिव नादर फाउन्डेशन ने 1996 में एसएसएन इन्सटीट्यूशन्स की स्थापना की जिसमें एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (जो पहले से भारत में उच्च रैंकिंग का निजी इंजीनियरिंग कॉलेज है), चेन्नई, तमिलनाडू शामिल है। शिव नादर फाउन्डेशन ने प्रतिभाशाली ग्रामीण बच्चों के लिए उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर एवं सीतापुर में रिहायशी लीडरशिप अकादमी विद्याज्ञान की स्थापना भी की है। इसके अलावा फाउन्डेशन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के ग्रेटर नोएडा में सशक्त अनुसंधान उन्मुख अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, शिव नादर युनिवर्सिटी तथा शिव नादर स्कूल ¼ का संचालन भी करता है। फाउन्डेशन ने भारत के सबसे बड़े निजी लोकोपकारी संग्रहालय किरण नादर म्युज़ियम ऑफ आर्ट की स्थापना भी की है।