लखनऊ। सोशल मीडिया में राजनीतिज्ञों के प्रति घृणा भरे संदेशाें को लेकर चिंता जताते हुए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षित समाज का एक बडा वर्ग भी इंटरनेट के जरिये आपत्तिजनक पोस्ट करने से गुरेज नहीं कर रहा है।
यादव ने पत्रकारोें से कहा कि यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया में घृणित पोस्ट करने वालों में पढ़े लिखे और कामकाजी लोगों की बहुतयात है। मै स्वयं इसका पीड़ित रहा हूं लेकिन हम ऐसे लोगों का क्या कर सकते हैं। पुलिस भी ऐसी ताकतों जिनमें कई आज के युवा है, के खिलाफ ज्यादातर निष्क्रिय रहती है।
मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि अशिक्षित लोगों की तुलना में पढा लिखा वर्ग ज्यादा सांप्रदायिक और जातिवादी सोच का होता है और इसे सोशल मीडिया में प्रसारित संदेशों के जरिये समझा जा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की फर्जी शादी को लेकर सोशल मीडिया में की गई पोस्ट के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर यादव ने यह विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मीडिया राजनीतिज्ञों की बेइज्जती करने का एक बडा मंच बन चुका है। अक्सर एक सुनियोजित साजिश के तहत ऐसा होता है मगर पुलिस भी इन शरारती तत्वों तक पहुंचने में अक्सर असफल रहती है।
अपने अनुभवों को साझा करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि जब मै मुख्यमंत्री था। गाजीपुर के एक युवक ने मेरे खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी। जब उस युवक को मेरे सामने लाया गया, उस युवक ने कहा कि वह मेरे जरिये सिर्फ प्रसिद्धि चाहता था और मुझसे मिलने काे आतुर था। जाने से पहले उसने मुझसे कहा कि उसे एक लोहिया आवास और एक हैंडपंप आवंटित कर दिया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसे ही एक अन्य घृणित पोस्ट का भी जिक्र किया जिसे गुडगांव में एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत एक महिला ने किया था।