लखनऊ । सोशल मीडिया पर भ्रामक और वीडियो के जरिये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वाले शरारती तत्वों पर नकेल कसने के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया का ही सहारा लेने का फैसला किया है।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने गुरूवार को पत्रकारों को बताया कि भ्रामक संदेश और वीडियो के जरिये सामाजिक वैमनस्य फैलाने वाले शरारती तत्वों के मंसूबो पर पानी फेरने के लिये केन्द्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी 1469 पुलिस थानो पर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से 250 डिजिटल वालंटियर्स बनाये जाने का निर्णय लिया गया है।
सिंह ने बताया कि वालंटियर्स में शिक्षक,प्रधानाचार्य,सभासद,छात्र नेता,एएनएम,वकील,आशा बहू,व्यवसायी, कोटेदार,सेवानिवृत्ति सैनिक,सामाजिक संगठन,ग्राम सचिव,डाक्टर के अलावा पुजारी एवं मौलवी शामिल होंगे। हर थाने का व्हाट्सएप ग्रुप जिला मुख्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडा रहेगा जबकि जिला मुख्यालयों के व्हाट्सएप ग्रुप पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से जोडे जायेंगे।
उन्हाेेने बताया कि डिजिटल वालंटियर का चयन जिला स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। हर गांव,कस्बा,मोहल्ला अथवा वार्ड से दो दो वालंटियर्स चुने जायेंगे जिससे थाने को हर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व मिल जाये। कमेटी में संबंधित अपर पुलिस अधीक्षक ,क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष शामिल होंगे। कमेटी प्राप्त बायोडाटा के आधार पर ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करेगी जो सामाजिक रूप से प्रभावशाली,शांति व्यवस्था में सहयोग देने के अलावा सोशल मीडिया में सक्रिय हो।
वालंटियर का कर्तव्य किसी प्रकार की अफवाह फैलने पर अपने क्षेत्र के व्यक्तिगत रूप से एवं सोशल मीडिया द्वारा सही तथ्यों पर जनसामान्य को अवगत कराये और पुलिस का सहयोग करे।