– संघ समाज के सभी वर्गों को एक दिशा में चलाने वाला व्यूह बना रहा
– रूढ़ियों और कुरीतियों से मुक्ति के लिए सामाजिक सदभाव बैठक हों
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शनिवार को सेवा सदन में जयपुर प्रांत की टोली से कोरोना काल में किए गए सेवा कार्यों, शिक्षा और स्वरोजगार व स्वावलम्बन के कार्यों पर चर्चा की।
डॉ. भागवत ने कहा कि जितना बड़ा सेवा कार्य कोरोना की परिस्थिति में हुआ है, उसका अनुवर्तन करते हुए लोगों की समस्याएं सुनकर उनके निराकरण के उपाय की योजना का विचार प्रत्येक जिला स्तर पर और क्रियान्वयन खण्ड स्तर पर हो। जिससे संघ व समाज का एक दिशा में चलने वाला व्यूह बनें। उन्होंने कहा कि संघ कार्य पर समाज का विश्वास निरंतर बढ़ रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य होने की आवश्यकता पर बल देते हुए डॉ. भागवत ने विद्यालय संचालकों, शिक्षकों, अभिभावकों एवं दानदाताओं चारों से संवाद करके समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक सदभाव बैठक हों जिससे समाज में व्याप्त रूढ़ियों और कुरीतियों से मुक्ति मिल सके और देश के सामने जो समस्या है, उनका समाधान सामाजिक स्तर पर निकाला जा सके।
उन्होंने युवा कार्यकर्ताओं के विकास, शाखा क्षेत्र के सामाजिक अध्ययन, व्यवसायिक स्वयंसेवकों के नियोजन, क्षेत्र संरचना, श्रमिकों एवं कृषकों की शाखा, मिलन व व्यवसाय के अनुसार उनके एकत्रीकरण एवं मुख्य मार्गों के कार्य के महत्व पर चर्चा हुई।
जयपुर प्रांत संघचालक डॉ. महेन्द्र सिंह मग्गो ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान बनी विषम परिस्थितियों में स्वयंसेवकों द्वारा समाज जीवन के विभिन्न संगठनों के साथ समाज में किए गए सेवा कार्यों पर विशेष रूप से चर्चा हुई है। इसके साथ ही स्वरोजगार के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण व स्वावलम्बन के लिए लोगों की मदद के लिए चलाए जा रहे प्रकल्पों के बारे में भी बातचीत हुई है।
उन्होंने बताया कि सेवा कार्यों के लेकर हुई चर्चा में समाज के वंचित व अभावग्रस्त वर्ग के स्वावलम्बन के लिए और क्या प्रयास किए जा सकते हैं। इसके लिए समाज सभी वर्गों को साथ लेकर कार्य करने की योजना पर सभी ने सुझाव दिए हैं।
कोरोना के कारण शैक्षिक संस्थान बंद होने से निजी विद्यालयों के शिक्षकों को आर्थिक परिस्थितियों से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में उनकी समस्याओं के निदान के लिए जिला स्तर पर समिति बनाकर कार्य करने पर बातचीत हुई है। इस दौरान तीन सत्रों में बैठकें हुई।
बैठक में जयपुर प्रांत के शासकीय 12 जिलों में संघ रचना के 24 जिलों के आए संगठन श्रेणी के शारीरिक, बौद्धिक, व्यवस्था प्रमुख तथा जागरण श्रेणी के सेवा, सम्पर्क व प्रचार कार्य विभाग के प्रांत स्तर के कार्यकर्ताओं से संगठनात्मक विषयों पर चर्चा की।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सरसंघचालक ने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अनौपचारिक संवाद किया। इसके साथ ही उत्तर- पश्चिम (राजस्थान) क्षेत्र कार्यकारिणी के पदाधिकारी तथा जयपुर में निवासरत संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे।