सिरोही/जयपुर। राजस्थान में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने आदर्श कॉपरेटिव सोसासटी के ग्यारह पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
एसओजी के पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र यादव ने आज बताया कि आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी मामले में आदर्श कॉपरेटिव सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र मोदी एवं कमलेश चौधरी, अध्यक्ष ईश्वर सिंह, पूर्व प्रबंध निदेशक प्रियंका मोदी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वैभव लोढ़ा, मुख्य वित्तीय अधिकारी समीर मोदी, सहायक प्रबंध निदेशक रोहित मोदी, पूर्व प्रबंधक निदेशक ललित राजपोहित, भारत मोदी, भारत दास और विवेक राजपोहित को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि अगस्त 2018 में एसओजी को घोटाले की सूचना मिली थी। मुकेश मोदी की ओर से स्थापित आदर्श केडिट को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड अहमदाबाद के करोड़ों रुपए के घोटाला सामने आने पर एसओजी ने मुकेश मोदी को पूर्व में गिरफ्तार किया था।
यादव ने बताया कि आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी के पास अब बीस लाख निवेशकों को चुकाने के लिए कुछ भी नहीं है। सोसायटी के पदाधिकारियों ने गैरकानूनी तरीके से निवेशकों की जमा राशि फर्जी कंपनियों को ऋण के रूप में दे दी। 200 से भी ज्यादा इन फर्जी कंपनियों के पदाधिकारी भी सोसायटी के मालिकों के रिश्तेदार ही थे।
उन्होंने बताया कि आज सुबह सिरोही से भरत मोदी, वीरेन्द्र मोदी, ईश्वर सिंह और भरत वैष्णव को गिरफ्तार किया गया है। मुकेश मोदी, राहुल मोदी आदि पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।उन्होंने बताया कि आयकर विभाग भी इस मामले की जांच कर रहा है।
यादव ने बताया कि एसओजी की जांच में पता चला है कि अब सोसायटी के पदाधिकारियों के पास निवेशकों को चुकाने के लिए न तो सम्पत्ति है और न ही नकद राशि। उन्होंने बताया कि सोसायटी के नियमों की अनदेखी करके पदाधिकारियों ने निवेशकों की जमा राशि इधर-उधर कर दी। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारियों ने नियमों को तोड़कर निवेशकों की राशि फर्जी कंपनियों में निवेश कर दी। इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई। पीएमओ के दखल के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग आदि सक्रिय हुए और एक के बाद एक गिरफ्तारियां की गई।
-एसओजी के प्रेस नोट में दी गई बिंदुवार जानकारी
- डीजी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि अगस्त माह, 2018 में एसओजी मुख्यालय जयपुर पर सूचना मिली की मुकेश मोदी द्वारा आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लि0 अहमदाबाद के द्वारा स्थापित की गई थी। जिसकी भारत के 28 राज्यों एवं 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में 806 शाखाऐं खोली। जिनमें 309 शाखाऐं राजस्थान में खोलकर करीब 20 लाख सदस्य बनाए। इनमें करीब 10 लाख निवेशक सदस्य शामिल है। इनसे करीब 8000 करोड़ रूपये की निवेश करवाया और अपनी शैल कंपनी में निवेशित कर निवेशकों के धन का दुर्विनियोग किया है।
- इसी प्रकार मुकेश मोदी व वीरेन्द्र मोदी के द्वारा अपने बेटा-बेटी और दामाद को पिछले कई वर्षों में विधि विरूद्व तरीके से 270 करोड़ रूपये का Ex Gratia Payment किया है एवं साथ ही मुकेश मोदी के द्वारा अपनी पत्नी एवं दामाद को बिना कोई कार्य किये आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0 में एडवाईजर बता दिया और पिछले 3 वर्षों में 720 करोड़ रूपये का भुगतान किया है। इस पर धारा 406,409,420, 467,468, 471,477ए,120बी आईपीसी में थाना एसओजी जयपुर में 28 दिसंबर 2018 को दर्ज किया गया। अनुसंधान एसओजी दिल्ली में एएसपी सत्यपाल मिढा को दी गई।
- डीजी भूपेंद्र सिंह के मुताबिक अनुसंधान में सामने आया कि आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0 के मोदी परिवार के द्वारा अपने मित्रों एवं परिवारजनों के नाम 187 ऋण खातों में 20 लाख निवेशकों से प्राप्त निवेश राशि का 99 प्रतिशत निवेश शैल कंपनी को अवैध तरीके से सदस्य बनाकर बिना कोई collateral Assets हासिल किये ऋण प्रदान किया। इस ऋण राशि से इन शैल कंपनी द्वारा अर्जित सम्पतियों को अपनी लेखा पुस्तकों में कई गुणा अधिक मूल्य पर दिखाया गया। अर्जित की गयी इन सम्पतियों को आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0 को Pledge/ Hypothecate/ Mortgage भी नहीं किया है।
- इसके बाद 31 मार्च 2019 को आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0 का इन 187 ऋण खातों में राषि 1,46,82,24,42,239/- रूपये बकाया चल रहे है, जो कि लाखों निवेशकों की निवेश राशि का दुर्विनियोग है एवं अधिकांश निवेशक जो अपनी निवेशित रकम मांगते रहे। लेकिन उनको भुगतान नहीं किया गया। अनुसंधान में सामने आया कि कि महावीर कन्सलटेंसी के द्वारा किसी भी प्रकार की सेवायें आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0 को प्रदान नहीं की गयी एवं MSCS Act 2002 के प्रावधान एवं सोसायटी के रजिस्टर्ड बाईलाज के विपरीत सोसायटी के द्वारा मुकेश मोदी व विरेन्द्र मोदी के बेटा-बेटी एवं दामाद को 270 करोड रूपये का Ex-Gratia Payment विधि विरूद्व किया गया है।
- आदर्श क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0 की शैल कंपनी व फर्म के पास 31-03-2016 को 223,77,50,000 रूपये Cash in hand के रूप में था। भारत सरकार के द्वारा 08-11-2016 को नोटबन्दी की घोषणा के बाद सोसायटी में Share Application Money के रूप में जमा कराना दिखाया। अनुसंधान से यह उजागर हुआ है कि उक्त 223,77,50,000 रूपये कभी भी सोसायटी को प्राप्त हुये ही नही। सोसायटी के द्वारा बिना प्राप्त किये ही उक्त 223,77,50,000 रूपये इन शैल कंपनी की Share Application Money Rejact करते हुये जरिये आरटीजीएस वापस कर सोसायटी के लाखों निवेशकों को 223,77,50,000 रूपये की गलत तरीके से क्षति दिखाई।